उत्तराखंड : वाल्वो बसों में अब केवल नियमित कंडक्टर ही देंगे ड्यूटी

देहरादून: राज्य परिवहन निगम की अतिविशिष्ट वाल्वो बस सेवा में अब निगम के नियमित परिचालकों को ही डयूटी पर लगाया जाएगा। दरअसल, इन बसों में ज्यादातर प्रतिष्ठित वर्ग के यात्री ही सफर करते हैं। विशेष श्रेणी और संविदा परिचालकों के व्यवहार के विरुद्ध लगातार शिकायतें आ रहीं थीं। लिहाजा, प्रबंधन ने वाल्वो बस में केवल नियमित परिचालकों को ही भेजने का फैसला किया है।
1300 बस बेड़े वाले परिवहन निगम की 1000 बसें रोजाना सड़क पर रहती हैं और शेष विभिन्न कारणों से वर्कशाप में। स्थिति ये है कि करीब 1300 नियमित परिचालक व 1000 चालक होने के बावजूद 700 से ज्यादा बसों पर विशेष श्रेणी के चालक एवं परिचालक तैनात रहते हैं। बस में सवारियों के साथ बर्ताव की बात करें तो वही यात्री ठीक जवाब दे सकेंगे, जो निगम की बसों में सफर करते हैं। पूर्व में गुरूग्राम से आने वाली वाल्वो बस में परिचालक ने बगल में बैठी युवती यात्री से न केवल छेड़खानी की थी बल्कि बस दून पहुंचने पर यात्रियों को अंधेरे में सुनसान जगह उतारकर बस लेकर फरार हो गया। इसी तरह 2016 में भी दून से दिल्ली जा रही रात्रिकालीन एसी बस के परिचालक ने मुरादनगर में बस में युवती से छेड़खानी की थी। युवती के शोर मचाने पर भी चालक ने बस नहीं रोकी व दिल्ली ले गया। आइएसबीटी दिल्ली पहुंचकर युवती ने दिल्ली पुलिस से शिकायत की मुकदमा कराया था
यह कुछ उदाहरण हैं, ऐसे मामले निगम की बसों में आए दिन सामने आ रहे। कभी चालक या परिचालक किसी बुजुर्ग यात्री से बदसलूकी करते हैं तो कभी किसी से साथ मारपीट। बसों में शराब पीकर ड्यूटी करने की शिकायतें भी मिल रही हैं। रोडवेज की वाल्वों बसों में भी पिछले दिनों से लगातार ऐसी शिकायतें मुख्यालय को मिली रही है। अब महाप्रबंधक दीपक जैन ने आदेश दिए हैं कि वाल्वो बसों में नियमित परिचालक की डयूटी लगाई जाए। अपरिहार्य स्थिति में संविदा के वरिष्ठतम परिचालक को भेजा जाए। विशेष श्रेणी परिचालक किसी दशा में वाल्वो बस पर डयूटी नहीं देंगे। वर्तमान में रोडवेज की 50 वाल्वो बसें संचालित होती हैं। उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन की ओर से प्रबंधन के फैसले पर विरोध जताया गया है।
इन शहरों के लिए है वाल्वो सेवा
दिल्ली, गुरूग्राम, फरीदाबाद, चंडीगढ़, कटरा, हल्द्वानी-नैनीताल।