मुख्यमंत्री धामी और पूर्व सीएम हरीश रावत नहीं बचा पाए सीट, इन दिग्गजों को भी मिली हार
देहरादून। उत्तराखंड में सत्तारूढ़ दल ने सत्ता पर कब्जा बरकरार रखते हुए सरकार की अदला-बदली का मिथक तोड़ डाला है। लेकिन पिछले चुनाव में भाजपा ने तीन-चौथाई से ज्यादा बहुमत के साथ 57 सीट हासिल की थी जो कि इस बार घटकर 47 रह गई हैं। इसके बावजूद भाजपा उलटफेर का शिकार होने से बच नहीं सकी। पार्टी को बड़ा झटका मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की हार के रूप में लगा
सीएम धामी को भुवन कापड़ी ने 6579 मतों के अंतर से पराजित
पुष्कर सिंह धामी को ऊधमसिंह नगर जिले की खटीमा सीट पर उनके प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष भुवन कापड़ी ने 6579 मतों के अंतर से पराजित किया
वहीं कांग्रेस के चुनावी चेहरे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत लालकुआं सीट पर भाजपा के डाक्टर मोहन सिंह बिष्ट से 17,527 मतों के बड़े अंतर से हार गए। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल भी पौड़ी जिले की श्रीनगर सीट से 587 मतों के अंतर से हारे हैं।
आठ मंत्री चुनाव जीते
भाजपा सरकार के आठ मंत्री चुनाव जीते। सतपाल महाराज ने चौबट्टाखाल, बंशीधर भगत ने कालाढूंगी, बिशन सिंह चुफाल ने डीडीहाट, रेखा आर्य ने सोमेश्वर, अरविंद पांडेय ने गदरपुर, डाक्टर धन सिंह रावत ने श्रीनगर, सुबोध उनियाल ने नरेंद्रनगर व गणेश जोशी ने मसूरी सीट से जीत हासिल की।
भाजपा छोड़कर कांग्रेस में वापसी करने वाले पूर्व मंत्री यशपाल आर्य बाजपुर सीट से चुनाव जीत गए हैं, जबकि उनके पुत्र संजीव आर्य नैनीताल सीट से हार गए।
यमकेश्वर सीट छोड़कर कोटद्वार से चुनाव मैदान में उतरीं पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी की पुत्री व भाजपा विधायक ऋतु खंडूड़ी ने पूर्व मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी को हराकर उलटफेर किया। कुछ इसी तरह पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की पुत्री अनुपमा रावत ने कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद को हराकर जीत दर्ज की
भाजपा ने पर्वतीय जिलों में प्रदर्शन को दोहराया है। मैदानी जिलों में पार्टी के जनाधार में कमी आई है। बहुजन समाज पार्टी ने हरिद्वार जिले की दो सीटें लक्सर व मंगलौर लेकर वापसी की है। इन चुनावों में बसपा को मत प्रतिशत 4.82 रहा। दो निर्दलीय उत्तरकाशी जिले की यमुनोत्री व हरिद्वार जिले की खानपुर सीट पर विजयी रहे हैं।