विधानसभा में बारां:रोडवेज रूट पर अवैध बस संचालन पर लगे अंकुश: पानाचंद
जयपुर विधानसभा में बुधवार को बारां-अटरू विधायक पानाचंद मेघवाल ने रोडवेज कर्मियों और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को बकाया वेतन परिलाभ और सातवें वेतन आयोग का लाभ जल्द देने की मांग की। विधायक पानाचंद ने रोडवेज रूटों पर अवैध बसों के संचालन से रोडवेज को हो रहे घाटे का मामला भी उठाया। विधायक पानाचंद ने राज्य सरकार से रोडवेज के किराए में कमी करने की मंाग की। जिस पर सदन में परिवहन मंत्री बृजेंद्र ओला ने बताया कि राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम की बसों का किराया पड़ौसी राज्यों उत्तरप्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश एवं महाराष्ट्र की तुलना में कम है।
राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम का विगत 3 वर्षों का घाटा वर्ष 2018-19 में 153.76 करोड़ वर्ष 2019-20 में 217.06 करोड़ और वर्ष 2020-21 में 179.76 करोड़ रहा। निगम के घाटे में रहने के प्रमुख कारण डीजल की दरों में निरंतर बढ़ोतरी, पुराना वाहन बेड़ा होने के कारण वाहनों के रख-रखाव एवं मरम्मत पर अधिक व्यय, निगम वाहनों के समानांतर निजी बसों का प्रतिस्पर्धात्मक संचालन, विगत 2 वर्षों में कोविड-19 के कारण संचालन में कमी, निगम कार्मिकों के वेतन एवं मानदेय वेतन आयोगों की अनुशंषानुसार नियत होना है।रोडवेज रूटों पर अवैध बसों के संचालन को रोकने के लिए विभागीय उडनदस्तों की ओर से समय-समय पर उक्त श्रेणी के वाहनों की जांच/ कार्रवाई की जाती है।
पिछले 3 सालों में रोडवेज रूटो पर अवैध बसों के संचालन को लेकर पूरे प्रदेश में ऐसी बसों के 12656 चालान बनाए गए। ऐसी बसो से 708.54 लाख की प्रशमन राशि वसूली गई।विधायक मेघवाल ने मंत्री बृजेन्द्र ओला से पूरक प्रश्न किया कि रोडवेज रूटो पर अवैध बसो का संचालन और माल परिवहन प्रतिदिन हो रहा है, तो फिर कार्रवाई नियमित रूप से क्यो नहीं की जा रही है। अवैध बसों के विरूद्ध नियमित कार्रवाई की जाए ताकि रोडवेज को घाटे से उबारा जा सके। जिस पर मंत्री ओला ने कहा कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने रोडवेज के रूट्स को डिनोटिफाइड किया था। लोक परिवहन सेवाओं को परमिट दिए गए थे। उसी वजह से रोडवेज के घाटे में बढ़ोतरी हुई है।