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एफएमआरएआई का राष्ट्रीय अधिवेशन:जीडीपी का 5% स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च करे सरकार, अभी एक प्रतिशत भी नहीं हो रहा है

दवा विक्रय प्रतिनिधियों के संगठन फेडरेशन ऑफ मेडिकल एंड सेल्स रिप्रेजेन्टेटिव्ज एसोसिएशनंस ऑफ इंडिया (एफएमआरएआई) के काेटा में चल रहे तीन दिवसीय 26वें राष्ट्रीय अधिवेशन के दूसरे दिन शुक्रवार को महंगाई कम करने, स्वास्थ्य खर्च में बढ़ोतरी और श्रम कानूनों के विरोध में देशव्यापी हड़ताल करने को लेकर प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किए गए।

आरएमएसआरयू के प्रदेश अध्यक्ष मुकेश गालव ने बताया कि शनिवार को प्रातः 12 बजे अधिवेशन का समापन समारोह होगा। इससे पहले त्रिवर्षीय कार्यकारिणी के चुनाव होंगे। सम्मेलन में महंगाई पर गंभीर चिंता जताते हुए प्रस्ताव पारित किया गया। अधिवेशन में एफएमआरएआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश सुंदर ने कहा कि केंद्र में भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद सभी आवश्यक वस्तुओं की कीमतें तेजी से बढ़ गई हैं।

सम्मेलन में सरकार से ईंधन की कीमतों को कम करने की मांग की गई है। नियोक्ताओं से मांग की गई है कि दैनिक भत्ते, यात्रा भत्ते और महंगाई भत्ता में भी वृद्धि की जाए। सर्वसम्मति से 28 और 29 मार्च को दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल का फैसला लिया गया। यह भी प्रस्ताव पारित किया गया कि सरकार जीडीपी का कम से कम 5 प्रतिशत स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च करे। इस समय यह 1 प्रतिशत भी नहीं है। अधिवेशन में एफएमआरएआई के महासचिव शांतनु चटर्जी, सीटू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जीएस मजूमदार, प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र शुक्ल मौजूद रहे।

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