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नवजात की सेहत को स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की जरूरत

ऋषिकेश: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश के कालेज आफ नर्सिंग में नवजात शिशु की देखभाल में गुणवत्ता सुधार तथा बीमार व उच्च जोखिम वाले नवजात शिशुओं की देखभाल की जानकरी दी गई।

एम्स के कालेज आफ नर्सिंग में इंडियन एसोसिएशन आफ नियोनाटल नर्सेस आइएएनएन के सहयोग से आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में एम्स ऋषिकेश के साथ उत्तराखंड की अन्य नर्सिंग संस्थाओं व अस्पतालों में कार्यरत 65 नर्सिंग ट्यूटर व नर्सिंग आफिसरों ने प्रतिभाग किया। निदेशक एम्स प्रोफेसर अरविद राजवंशी व डीन एकेडमिक प्रोफेसर मनोज गुप्ता ने कार्यशाला का विधिवत उद्घाटन किया। उन्होंने नवजात शिशुओं की उत्तम देखभाल के लिए स्वास्थ्य सेवाओं में गुणवत्ता सुधार विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत किया।

इस अवसर पर प्राचार्य नर्सिंग डा. स्मृति अरोड़ा व एलएचएनसी नई दिल्ली की फैकल्टी सदस्य जीना ने नवजात शिशुओं की देखभाल में सुधार के माडल और गुणवत्ता चक्र की जानकारी दी। आइएएनएन की संस्थापक अध्यक्ष डा. मंजू वत्सा ने नवजात शिशु देखभाल में गुणवत्ता सुधार के महत्व पर चर्चा की। आइएएनएन की अध्यक्ष डा. ज्योति सरीन ने संस्था के बारे में विस्तृत जानकारी दी। संस्थान की नर्सिंग फैकल्टी मलार कोडी एस. व रूपिदर देयोल ने सिमुलेशन आधारित कार्य केंद्रों के बारे में जानकारी दी। कार्यशाला में नवजात शिशु विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डा. पूनम सिंह, नर्सिंग फैकल्टी डा. राजा राजेश्वरी, डा. प्रसूना जैली, एलएनएचसी नई दिल्ली की फैकल्टी सुजी, एसएनओ जीना प्रदीप, श्रीनिथ्या राघवन आदि ने व्याख्यान दिया।

कार्यशाला में एएनएस कमलेश वैरवा, नर्सिंग आफिसर ईरा दयाल, नर्सिंग ट्यूटर शर्मिला जयरानी, रश्मि नेगी के नेतृत्व में अभ्यास के लिए विभिन्न कार्यकेंद्र स्थापित किए गए। संस्थान की ओर से प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र वितरित किए गए। मीनाक्षी शर्मा के संचालन में आयोजित कार्यशाला में प्रो. श्रीपर्णा बासू, नर्सिंग सुपरिटेंडेंट घेरवचंद ने प्रतिभाग किया। वर्कशाप में दून इंस्टीट्यूट, कंबाइंड पीजी संस्थान, एम्स समेत विभिन्न संस्थानों ने प्रतिभागी शामिल हुए

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