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प्रदेश में कांग्रेस के चेहरा रहे हरीश रावत ने ली हार की जिम्मेदारी, कहा- नहीं समझ सका जनभावना

देहरादून। : पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश में कांग्रेस के चेहरा रहे हरीश रावत ने हार की जिम्मेदारी ली है। उन्होंने कहा कि हार पर मंथन किया जाएगा। वह जन भावनाओं को समझ नहीं सके। अब युवा विधायकों की नई टीम आई है और प्रदेश की अपेक्षाओं को बेहतर तरीके से उठाएगी।

मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने चुनाव में पूरा प्रयास किया। गेंद गोलपोस्ट तक भी पहुंची, लेकिन कामयाबी नहीं मिल पाई। प्रदेश चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष का जिम्मा उन पर था, इसीलिए हार की जिम्मेदारी भी उन्हीं की है। उन्होंने कहा कि वह हमेशा पलायन, परंपरागत खेती, भाषा-संस्कृति समेत उत्तराखंड के मुद्दों को उठाते रहे। इनका समाधान करने की इच्छा रही। लगता यही है कि वह अपनी भावना जनता तक पहुंचा नहीं सके। उन्हें मंथन करना पड़ेगा कि ये जनता के वास्तविक सवाल हैं भी या नहीं। उन्होंने कहा कि हार के बीच सिल्वर लाइन भी है। इस बार विधायकों की नौजवान टीम विधानसभा में पहुंची है। इस टीम पर जन अपेक्षाओं का भार होगा

हरिद्वार ग्रामीण की जीत बहुत बड़ी संजीवनी

इंटरनेट मीडिया पर अन्य पोस्ट में उन्होंने कहा कि हरिद्वार ग्रामीण से उनकी पुत्री अनुपमा की जीत उनके लिए बहुत बड़ी संजीवनी है। क्षेत्र की जनता का आभार व्यक्त करने के लिए उनके पास शब्द नहीं हैं। वह शनिवार को मां गंगा के तट पर जाकर जनता-जनार्दन का धन्यवाद करेंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें जब भी सहारे की जरूरत होती है, हरिद्वार उनके साथ खड़ा हो जाता है। हरिद्वार ने ही उनकी राजनीतिक जीवन यात्रा को उत्तराखंड में इतना आगे बढ़ाया है। इस ऋण से वह कभी उऋण नहीं हो सकते। साबिर साहब ने भी उन्हें सहारा दिया। वह साबिर साहब की दरगाह भी जाएंगे

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