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प्रशिक्षण:नवजात शिशुओं में मृत्युदर कम करने के लिए चिकित्साकर्मियों व नर्सेज काे प्रशिक्षण दिया

टोंक नवजात शिशुओं में मृत्युदर कम करने व जन्म के बाद पहले एक मिनट के महत्व को बताने को लेकर एक सआदत अस्पताल के बालरोग विभाग की ओर से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन हुआ। सेंट्रल इंडियन अकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स एवं भारत सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना आईएपीएनआरपी फ़र्स्ट गोल्डन मिनट प्रोग्राम के तहत हुई कार्यशाला में नवजात शिशुओं में मृत्यु दर कम करने के लिए सआदत अस्पताल के बाल रोग विभाग की ओर से जानकारी दी गई। कार्यशाला का उद्घाटन पीएमओ डॉ. बीएल मीणा, डिप्टी कंट्रोलर डॉ. चेतन जैन व सीएचसी प्रभारी डॉ. विनोद परवेरिया ने दीप जलाकर किया। प्रशिक्षण डॉ. रमेश चौधरी, डॉ. चेतन मीना, डॉ. जितेन्द्र छोलक की ओर से दिया गया। कार्यशाला संयोजक डॉ. जितेन्द्र छोलक ने बताया कि नवजात शिशु के जन्म के बाद पहला मिनट बहुत महत्वपूर्ण होता है। यही पहला मिनट बच्चों में मृत्‍यु दर रोकने के साथ साथ ही नवजात शिशुओं के रेफरल को कम करने में भी बहुत सहायक होता है। कार्यशाला में जनाना अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर लेबर रूम एवं एसएनसीयू में कार्यरत डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ के अलावा शहर समेत जिले के निजी अस्पतालों के ऐसे चिकित्साकर्मी शामिल हुए, जिनमें डिलीवरी लोड ज्यादा रहता है।

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