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फरवरी की रैकिंग:राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद की रैंकिंग में बूंदी दूसरे स्थान पर

बूंदी राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद की और से जारी की गई फरवरी माह की रैंकिंग में जयपुर जिला पहले, दूसरे पर बूंदी व चूरू जिला तीसरे स्थान पर रहा। वहीं अजमेर जिले को सात स्थान का नुकसान उठाना पड़ा है। जनवरी की रैंकिंग में जहां अजमेर 21वें स्थान पर था, वहीं फरवरी की रैंकिंग में जिला 28वें स्थान पर लुढ़क गया। गत एक साल की बात करे तो अजमेर जिला एक बार भी टॉप 10 में अपना स्थान नहीं बना सका है। दिसंबर की रैंकिंग में अजमेर जिला 29वीं रैंक पर था। सूची में 229.40 अंकों के साथ जयपुर टाॅप पर, 221.02 अंकों के साथ बूंदी दूसरे व 220.11 अंकों के साथ चूरू तीसरे स्थान पर रहा।

रैकिंग सुधारने के लिए हर महीने दो बैठक शिक्षा विभाग के अधिकारी शिक्षकों की रैंकिंग सुधारने के लिए हर माह की 1 से 15 तारीख व 16 से 30 तारीख के बीच 2 बार बैठक लेते हैं। फिर भी अजमेर जिले की रैंकिंग में सुधार नहीं हो रहा है। इसके पीछे ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों की अप्रभावी मॉनिटरिंग सहित रैंकिंग के लिए तय किए गए 44 बिंदु पूरे नहीं करना है। इसमें सूचनाएं ऑनलाइन करने के लिए प्रारंभिक विद्यालयों के लिए शाला दर्शन व माध्यमिक स्तरीय विद्यालयों के लिए शाला दर्पण पोर्टल बनाए गए हैं।

44 बिंदुओं पर होती है समीक्षाइसमें नामांकन वृद्धि, उजियारी पंचायत, स्कूलाें में विद्युत कनेक्शन की उपलब्धता, स्वच्छ पीने के पानी की उपलब्धता, खेल मैदान विकसित, चारदीवारी, सेनेटरी नेपकिन डिस्पेंसर, इन्सिनेटर उपलब्ध, ज्ञान संकल्प पोर्टल, एसएमसी या एसडीएमसी पंजीकरण, एसआरएम में 80 प्रतिशत उपस्थिति, ब्लॉक व जिले द्वारा पूरे किए गए अधिकारियों द्वारा समीक्षा भ्रमण लक्ष्यों का प्रतिशत, पिछले दिनों हुई जिला व ब्लॉक स्तरीय समीक्षा बैठक, एमपीआर सबमिशन,पीईईओ के मासिक लक्ष्य विजिट का कितना प्रतिशत पूरा हुआ, पिछले माह हुई पीईईओ समीक्षा बैठक की संख्या, बाल सभा व विद्यालय व कार्यालय द्वारा सामग्री की नीलामी या निपटाने समेत अन्य बिंदु शामिल हाेते हैं। ये सूचनाएं शाला दर्शन पर अपलोड करनी होती है

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