विधानसभा में बारां:किसानों के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं : विधायक पानाचंद
बारां विधानसभा में सोमवार को बारां अटरू विधायक पानाचंद मेघवाल ने परवन सिंचाई परियोजना में किसानों की अवाप्त भूमि के मुआवजे का मामला पुरजोर तरीके से उठाया। विधायक मेघवाल ने कहा कि नगर पालिका अटरू के गठन होने के बाद किसानों को नगर पालिका अटरू को आधार बनाकर भूमि का मुआवजा दिया जा रहा है। डीएलसी रेट कम होने से मुआवजा काफी कम बन रहा है, जबकि अटरू नगर पालिका के गठन के पूर्व किसानों को बारां नगर परिषद को आधार मानकर मुआवजा दिया जा रहा था। किसानों को अपनी एक जमीन का मुआवजा अलग-अलग दरों से दिया जा रहा है। जिससे किसानों को नुकसान हो रहा है।विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने इस मामले में जल संसाधन मंत्री से नियमों में परिवर्तन कर किसानों को राहत देने को कहा। जल संसाधन मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इस मामले पर पुनर्विचार करेगी और किसानों को राहत देने का पूरा प्रयास किया जाएगा।
परवन सिंचाई परियोजना में 1914 किसानों को मुआवजा दिया जाना अभी शेष
प्रश्नकाल में विधायक मेघवाल ने तारांकित प्रश्न के माध्यम से परवन वृहद सिंचाई परियोजना में किसानों की अवाप्त भूमि का मुआवजा देने का मामला उठाया। जिस पर जल संसाधन मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीया ने सदन मे जवाब दिया कि परवन वृहद सिंचाई परियोजना के लिए 23630 किसानों की 7060.22 हैक्टेयर भूमि अवाप्त की गई है। 260.69 हैक्टेयर भूमि अवाप्त की जानी शेष है। परवन वृहद सिंचाई परियोजना के लिए 21716 किसानों को राशि रुपए 1951.95 करोड़ का मुआवजा भुगतान किया गया है। 1914 किसानों को मुआवजा दिया जाना शेष है। पूरक प्रश्न पर बोलते हुए विधायक मेघवाल ने कहा कि भूमि अवाप्ति के समय नगर परिषद बारां और नगर पालिका छबड़ा ही अस्तित्व में थी। 2020 में अटरू में नगर पालिका की घोषणा हुई।
अधिकारियों की लापरवाही की वजह से किसानों की अवाप्त भूमि की धारा 11 की कार्रवाई समय पर नहीं हो पाई। यह किसानों के साथ अन्याय है। मेघवाल के उठाए मुद्दे पर विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने मंत्री महेंद्रजीत मालवीया से कहा कि पालिका अटरू के गठन के बाद किसानों को मुआवजे का निर्धारण कम दर से हो रहा है। नियमों में परिवर्तन कर किसानों को पुरानी दर से मुआवजा देने का प्रयास करें। मंत्री महेंद्रजीत मालवीया ने सदन मेंं कहा कि राज्य सरकार प्रकरण का दुबारा परीक्षण करवा कर पूरा प्रयास करेगी की किसानों को पुरानी दर से मुआवजा मिल सके