प्रो. अमित को मिला गोपाल रंजन प्रौद्योगिकी पुरस्कार
रुड़की : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) रुड़की ने संस्थान अनुसंधान पुरस्कार सप्ताह कार्यक्रम के तहत आइआइटी गांधीनगर के कार्यवाहक निदेशक प्रोफेसर अमित प्रशांत को गोपाल रंजन प्रौद्योगिकी पुरस्कार से सम्मानित किया। यह पुरस्कार भारत में समुद्री संरचना के साथ मिट्टी की विशेषताओं, फाउंडेशन इंजीनियरिग, ग्राउंड इंप्रूवमेंट, इंजीनियरिग जियोलाजी, अंडरग्राउंड स्ट्रक्चर्स, राक मैकेनिक्स के क्षेत्र में रचनात्मक कार्य के आधार पर दिया जाता है।
आइआइटी रुड़की के ओपी जैन सभागार में आयोजित पुरस्कार समारोह में संस्थान के निदेशक प्रोफेसर अजित कुमार चतुर्वेदी ने गोपाल रंजन टेक्नोलाजी अवार्ड के बारे में बताते हुए कहा कि यह पुरस्कार किसी भारतीय नागरिक या आइआइटी रुड़की के किसी भूतपूर्व छात्र (या रुड़की विश्वविद्यालय के पूर्ववर्ती) को दिया जाता है। बताया कि प्रोफेसर अमित प्रशांत ने वर्ष 1997 में आइआइटी रुड़की से बीटेक के साथ स्नातक की उपाधि प्राप्त की थी। उन्होंने 2004 में नाक्सविले के टेनेसी विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की थी। वह 2005 से 2010 तक भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर में सहायक प्रोफेसर और 2010 से 2015 तक भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गांधीनगर में एसोसिएट प्रोफेसर रहे। नवंबर 2015 से वे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गांधीनगर में प्रोफेसर हैं। वर्तमान में आइआइटी गांधीनगर में कार्यवाहक निदेशक हैं। वहीं पुरस्कार समारोह में ‘डबल वेज माडल का उपयोग कर कैंटिलीवर रिटेनिग वाल की भूकंपीय विस्थापन’ तकनीकी पर वार्ता करते हुए प्रोफेसर अमित प्रशांत ने कहा कि विकसित डिजाइन पद्धति स्लाइडिग के साथ-साथ रोटेशनल विफलता मोड्स पर विचार करती है। साथ ही भूकंपीय विस्थापन की बेहतर भविष्यवाणी प्रदान करने में सक्षम है। यह कैंटिलीवर की रिटेनिग संरचना की बेहतर समझ और भूकंपीय डिजाइन के अनुकूलन के लिए उपयोगी होगा