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चिरंजीवी भव!:बच्चों के सबसे बड़े हॉस्पिटल जेके लोन में 40 बेड का बनेगा इमरजेन्सी वार्ड, हर बेड पर वेंटीलेटर

प्रदेश के बच्चों के सबसे बड़े जेके लोन अस्पताल की इमरजेंसी में रैफर होकर आने वालों को अब बेड व आईसीयू के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। यहां पर गंभीर रूप से बीमार हर बच्चे को बेड पर ही वेंटीलेटर की सुविधा मिलेगी। अस्पताल की इमरजेंसी में 3 करो़ड़ रुपए खर्च कर 40 बेड का इमरजेंसी वार्ड बनाया जा रहा है।

मरीज के आने के बाद स्थिति के आधार पर पहले यहां पर और फिर बीमारी के अनुरूप पेट, दिल से संबंधित वार्ड में शिफ्ट किया जाएगा। मशीनों, उपकरणों से सुसज्जित इमरजेंसी वार्ड अपने आप में देश में सरकारी स्तर पर पहला होगा। मौजूदा स्थिति में यहां पर यूपी, मध्यप्रदेश, पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों से विभिन्न गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए बच्चे रैफर होकर आने से नए और आधुनिक इमरजेंसी वार्ड की आवश्यकता है।

कोशिश है गंभीर बच्चों को समय पर इलाज मिले

  • रैफर होकर आने वाले बच्चों को क्वालिटीयुक्त इलाज की सुविधा के लिए इमरजेंसी वार्ड बनाया जा रहा है। हमारी कोशिश है कि किसी भी बच्चे की जान संसाधनों की कमी से ना जाए। हर किसी को बेहतर इलाज मिले। – डॉ.सुधीर भंडारी, प्राचार्य, एसएमएस मेडिकल कॉलेज
  • पहले जहां 5 बेड थे, अब 40 बेड का इमरजेंसी वार्ड अगले माह तक पूरा होगा। सरकारी स्तर पर ऐसी पहली इमरजेंसी होगी। बेड पर वेंटीलेटर लगे होने से जीवन बचाया जा सकेगा। जेके लोन को और बेहतर बनाएंगे। – डॉ.अरविन्द शुक्ला, अधीक्षक, जेके लोन

अभी अस्पताल में यह इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूद
अस्पताल में कंगारू केयर से लेकर प्रीमैच्योर नवजात बच्चों के लिए अलग से व्यवस्था की गई है। इसके अलावा अस्पताल में 66 वेंटीलेटर, 151 पल्स ऑक्सीमीटर, 228 इन्फ्यूजन पंप, 83 रेडियंट वॉर्मर, 44 रूम हीटर, 18 गीजर, 750 बेड, एनआईसीयू में 158 बेड, एक सर्जिकल आईसीयू, दो सर्जिकल नर्सरी, दो मेडिकल नर्सरी की व्यवस्थाएं मुहैया हैं। 40 बेड के नए इमरजेंसी वार्ड से सुविधाएं और मजबूत होंगी।

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