रोडवेज कर्मियों का आंदोलन शाम को वार्ता के बाद स्थगित
देहरादून: लंबित वेतन का भुगतान व अन्य मांगों को लेकर रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद ने सोमवार को प्रदेशभर के डिपो में धरना दिया। मांगों को लेकर परिषद ने 28 मार्च से बेमियादी कार्य बहिष्कार की चेतावनी दी थी लेकिन इससे पूर्व सोमवार शाम को ही प्रबंधन ने परिषद के प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए बुला लिया। इसमें बताया गया कि परिषद की कुछ मांगें पूरी हो चुकी हैं जबकि वेतन से जुड़ी मांग शीघ्र पूरी हो जाएगी। प्रबंधन ने नई सरकार के गठन का हवाला देते हुए आंदोलन न करने का आग्रह किया। परिषद ने सरकार के गठन व नए परिवहन मंत्री के पदभार ग्रहण करने तक आंदोलन स्थगित करने का निर्णय लिया
रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद ने गत माह 21 फरवरी से देहरादून में हरिद्वार रोड पर रोडवेज कार्यशाला में एक घंटे का कार्य बहिष्कार शुरू किया था जो बाद में सूबे में आंदोलन के रूप में बदल गया था। परिषद ने 28 फरवरी को बैठक कर दूसरे चरण का आंदोलन 21 मार्च से शुरू करने का निर्णय लिया था। इसमें 21 मार्च को एक दिन का धरना, 23 मार्च को 23 मार्च को मंडलों में एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन और 28 मार्च से प्रदेशव्यापी कार्य बहिष्कार की चेतावनी दी गई थी। इसी क्रम में सोमवार को प्रदेश के सभी डिपो में धरना दिया गया। देहरादून में परिषद के प्रांतीय महामंत्री दिनेश पंत के नेतृत्व में धरना दिया गया। पंत ने कहा कि एक तरफ रोडवेज कर्मियों को फरवरी माह से वेतन नहीं मिला है, ऊपर से प्रबंधन की ओर से एसीपी प्रकरण में रिकवरी कराई जा रही। सरकार की वेतन विसंगति समिति की रिपोर्ट की रिपोर्ट आना अभी बाकी है। इस समय कर्मचारी आर्थिक कष्ट झेल रहे और प्रबंधन अनुबंधित बस मालिकों को करोड़ों रुपये भुगतान कर रहा। चेतावनी दी गई कि वेतन न मिलने तक आंदोलन जारी रहेगा। प्रदर्शन में संयुक्त परिषद के मेजपाल सिंह, राकेश पेटवाल, मंजीत सिंह, अनिल धीमान आदि मौजूद रहे। वहीं,
रोडवेज महाप्रबंधक दीपक जैन ने बताया कि परिषद के प्रांतीय नेताओं से सुलह वार्ता की गई है। बैठक में बताया गया कि रिकवरी पर रोक लगाई जा चुकी है, जबकि प्रबंधन ने जनवरी तक का वेतन दे दिया है। अब फरवरी का वेतन ही लंबित है, जिसे शीघ्र दिया जाएगा। परिषद ने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया है।