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पीसीआई की टीम ने किया फार्मास्यूटिकल साइंस विभाग का निरीक्षण

एचएनबी गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय में फार्मेसी कोर्सेज की मान्यता के नवीनीकरण के लिए फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) की टीम ने निरीक्षण किया। दो सदस्यीय टीम ने चौरास परिसर स्थित फार्मास्यूटिकल साइंस विभाग में उपलब्ध संसाधनों और शिक्षकों के मानकों के आधार पर आकलन किया।

गढ़वाल विवि में 1996 में बीफार्मा (बैचलर ऑफ फार्मेसी) कोर्स के साथ फार्मेसी विभाग शुरू हुआ था। 2007 से यहां एमफार्मा- फामास्यूटिक्स पाठ्यक्रम चलाया जा रहा है। गढ़वाल विवि का फार्मेसी विभाग उत्तराखंड के उन चुनिंदा फार्मेसी संस्थानों में शामिल है, जिसे सबसे पहले पीसीआई की मान्यता प्राप्त हुई थी। मान्यता के नवीनीकरण के लिए पीसीआई के सदस्यों डॉ. सुधांशु रंजन और डॉ. नवनीत वर्मा ने विभाग का निरीक्षण किया। विभाग के 300 से अधिक शोध पत्र विभिन्न प्रतिष्ठित राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। विभाग के शिक्षकों के खाते में विवि का एकमात्र स्टैंडर्ड इंडियन पेटेंट हासिल करने की उपलब्धि दर्ज है। यूजीसी, डीएसटी, एआईसीटीई और एटॉमिक एनर्जी विभाग से वित्त पोषित 14 से अधिक शोध परियोजनाएं विभाग ने संचालित की हैं। विभाग के शिक्षकों की 20 राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर की पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है।

शिक्षा मंत्रालय के स्वयं पोर्टल पर डॉ. अजय सेमल्टी एवं डॉ. मोना सेमल्टी की ओर से बनाए गए दो ऑनलाइन कोर्स एकेडमिक राइटिंग और इंडस्ट्रियल फार्मेसी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना चुके हैं। दोनों कोर्सेज में 200 से भी अधिक देशों के 69 हजार से भी अधिक शिक्षार्थी पंजीकृत हुए हैं।
निरीक्षण के दौरान चौरास परिसर निदेशक प्रो. सीएम शर्मा, विभागाध्यक्ष प्रो. अब्दुल फारूक, डीन लाइफ साइंस प्रो. जेएस चौहान, डॉ. विजय ज्योति कुमार, एल मोहंती, अरुण बिशोई, डॉ. अजय सेमल्टी, डॉ. नितिन सती, डॉ. मोना सेमल्टी, डॉ. हेमलता सती, डॉ. सोमेश थपलियाल और डॉ. प्रमोद कुमार आदि मौजूद रहे।

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