फसलों को जानवारों से बचाने के लिए जीबी पंत विवि ने बनाई खास तकनीक

रुद्रपुर : फसलों के नुकसान होने से रोकने के लिए तमाम उपाय किए जाते हैं, इसके बाद भी किसान भाईयों को ऐसे फसल का चुनाव करना पड़ता है जिसे जानवर और इंसानों से बचाया जा सके। इसके लिए पंत विवि के डिमार्टमेंट आफ कंप्यूटर इंजीनियरिंग विभाग की ओर से वायरलेस सेंसर नेटवर्क का उपयोग करते हुए खेतों और सीमा की निकरानी प्रणाली को विकसित किया है। इसकी मदद से किसान घर बैठे उनकी खेतों में कौन विचरण कर रहा है पूरी जानकारी मिल सकेगी
एक शोध रिपोर्ट के अनुसार भारत में 48 प्रतिशत लोग कृषि पर आधारित हैं। कई प्रकार की फसलें उगाई जाती हैं। कहीं मिट्टी को देखते हुए फसलों के प्रकार का चयन किया जाता है तो कहीं तराई और सिंचाई की सुविधा देखी जाती है। कुछ फसलों को छोड़कर लगभग सभी फसलों में जानवरों और इंसानों से भी खतरा होता है।
इन सभी समस्याओं को देखते हुए एवं सीमा की निगरानी के उद्देश्य से पंत विवि स्थित डिमार्टमेंट आफ कंप्यूटर इंजीनियरिंग कालेज आफ टेक्नालाजी की ओर से कलोबोरेटिव रिसर्च स्कीम के अंतर्गत वायरलेस सेंसर नेटवर्क का उपयाेग कर एक सुरक्षात्मक सिस्टम तैयार किया है। जिसकी मदद से किसानों को उसके खेत में घुसने वाले जानवर, इंसान आदि की जानकारी तत्काल उसके मोबाइल पर मिल सकेगी। इसे वायरलेस सेंसर नेटवर्क पर विकसित किया गया है। इसमें कई सेंसर नोड्स मिलकर निगरानी करेंगे। खेत में इसे फिट करने के बाद किसान कहीं भी रहे।
सकी अनुपस्थिति में खेत में कौन आ रहा है, जानवर है इंसान है आदि की जानकारी मिल सकेगी। पशु की गति एवं उपस्थिति का पता लगाने पर यह सिस्टम किसान को अलार्म, या मोबाइल पर सूचित करेगा। इसमें मिनी कंप्यूटर सिस्टम लगाया गया है। जिसकी मदद से प्रग्रामिंग के जरिए यह व्यक्ति की पहचान करेगा। प्रो. राजीव व एमटेक के छात्र निमेश ने बताया कि इस सिस्टम से किसानों को काफी हद तक राहत मिलेगी। इसकी लागत में 10 से 15 हजार रुपये तक है। किसान इससे खेतों को सुरक्षित कर सकते हैं।
ऐसे करता है काम
एक बार किसान इसे खेत में सेट करा ले। इसके बाद इस सिस्टम के कैमरे और सेंसर के रेंज में व्यक्ति या इंसान के पहुंचने पर यह स्वत: की उसकी पहचान कर इसकी सूचना केंद्रीय कंप्यूटर, सर्वर को देता है। जहां से किसान ऐप के जरिए देख सकेगा की उसके खेत और सीमा पर कौन है।
इन चीजों का किया है प्रयोग
सेटप के लिए एक बाक्स, सेंसर, रास्पबेरी पाई मिनी कंप्यूटर, बैटरी आदि।
ड्रोन भी करेगा अलर्ट
विभाग की ओर से किसानों की सहूलियत के लिए अलार्म और अलर्ट करने वाला द्रोण में भी तैयार किया गया है। जिसकी मदद से कैमरा खेतों के ऊपर चलाने पर उसकी नजर में किसी भी जानवर के आने वर विभिन्न प्रकार के बजर टोन बजेगा। जिसकी मदद से जानवर खेत से भाग जाएंगे। फिलहाल इसे ट्रायल बेस पर अनुमति बंदरों को भगाने के लिए मिली है। पंतनगर क्षेत्र के ग्रीन और येलो जोन में इसका ट्रायल किया जाएगा।