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हेमंत को मिला शैलेश मटियानी पुरस्कार

रुद्रप्रयाग: शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने पर प्रदेश सरकार ने जनपद से शिक्षक हेमंत चौकियाल को शैलेश मटियानी पुरस्कार के लिए चुना है।

पिछले तीन दशकों से शिक्षा के क्षेत्र में छोटे-छोटे नवाचारों से विद्यार्थियों का मार्ग प्रशस्त करने वाले राउप्रावि डांगी गुनाऊं अगस्त्यमुनि के शिक्षक हेमंत चौकियाल को शिक्षा विभाग ने वर्ष 2021 के शैलेश मटियानी पुरस्कार के लिए चयनित किया है। शिक्षक चौकियाल ने शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए हैं। वर्ष 1991 में जिले के दुर्गम विद्यालय स्यासूं (ऊखीमठ) से अपनी शिक्षक यात्रा शुरू करने वाले चौकियाल ने सर्व शिक्षा अभियान में विशेष भूमिका निभाई। बाल मेला का आयोजन रहा हो या फिर अभिभावकों और अध्यापकों के सम्मेलन या माता-शिक्षक सम्मेलन वे ऐसे हर कार्य को नये आयाम देते रहे, इन कार्यों को जिले के लिए अविस्मरणीय बनाया। बच्चों के साथ विज्ञान के क्षेत्र में भी चौकियाल के कार्यों को राष्ट्रीय स्तर पर भी सराहना मिल चुकी है। विगत 28 फरवरी को इसे ही कार्यों और नवाचारों के लिए उन्हें साराभाई टीचर साइंटिस्ट नेशनल अवार्ड प्राप्त हो चुका है। इस अवार्ड को प्राप्त करने वाले वे उत्तर भारत से अकेले शिक्षक हैं, जिन्हे राष्ट्रीय स्तर पर तीसरा स्थान हासिल हुआ। शिक्षक चौकियाल के पढ़ाए छात्र राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न विज्ञान की प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करते रहे हैं। अब तक श्री चौकियाल आम जनमानस में विज्ञान के प्रति चेतना विकसित करने के लिए कई जनपदीय, राज्य और राष्ट्रीय कार्यक्रमों के आयोजन और संचालन करने के साथ साथ विज्ञान सम्बन्धी लेखन के साथ विज्ञान की कई आइएसबीएन पत्र /पत्रिकाओं के संपादन कार्य में भी सहयोगी रह चुके हैं। कालीमठ घाटी में विद्यालयों में बच्चों में पठन-पाठन के साथ साथ खेलों के प्रति रूचि बढ़ाने के लिए उनके विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजनों के साथ साथ विद्यालयों में अखंड रामायण पाठ के आयोजन और समाज को जागरूक करने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजनों के लिए उन्हें आज भी याद किया जाता है

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