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सड़क से जुड़ेगा सुदूरवर्ती सिरगा गांव

पुरोला: वन भूमि हस्तांतरण को लेकर भारत सरकार वन मंत्रालय की स्वीकृति मिलने के बाद अब मोरी ब्लाक का सिरगा गांव सड़क मार्ग से जुड़ जाएगा। पीएमजीएसवाई ने पांव गांव से लेकर सिरगा तक 2.485 हेक्टेयर वन भूमि की क्षतिपूर्ति धनराशि जमा कर दी है। साथ ही सड़क मार्ग की जद में आने वाले 78 चीड़ व अन्य प्रजाति के पेड़ों के पातन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है।

मोरी विकासखंड का 96 परिवारों वाले सुदूरवर्ती सिरगा गांव तक पहुंचने के लिए आज भी पांव गांव से सात किलोमीटर और तालुका से आठ किलोमीटर की पैदल दूरी तय करनी होती है। जिस कारण ग्रामीणों को आने जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सबसे अधिक परेशानी प्रसव पीड़िता, बुजुर्ग व बीमारों को सड़क तक लाने में होती है। छात्र-छात्राओं को भी सात किलोमीटर की पैदल दूरी नापनी पड़ती है

गौरतलब है कि मोरी ब्लाक के सेवा बारी, हड़वाड़ी, नुराणु, सिरगा, सावंणी, सटूटी, कलाप, ओसला गंगाड़ी, लिवाड़ी, ढाटमीर, पंवाणी गांव अभी सड़क मार्ग से नहीं जुड़े हैं। लिवाड़ी गांव के लिए सड़क कटिग का कार्य चल रहा है। जबकि हरकीदून घाटी के ओसला, गंगाड़, ढाटमीटर व पंवाणी के लिए सड़क निर्माण की कार्रवाई चल रही है। अब सिरगा गांव के लिए भी सड़क निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सिरगा गांव की सड़क के लिए वन भूमि हस्तांतरण को लेकर भारत सरकार वन मंत्रालय की स्वीकृति मिलने पर पुरोला के विधायक दुर्गेश्वर लाल, सिरगा गांव के सामाजिक कार्यकत्र्ता महावीर रावत एवं जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह रावत ने खुशी व्यक्त की है

पांव गांव से सिरगा मोटर मार्ग निर्माण की वन भूमि हस्तांतरण व सड़क कटिग में आड़े आ रहे 78 चीड़ आदि प्रजाति के वृक्षों के कटान की भारत वन मंत्रालय से स्वीकृति मिल गई है। पेड़ों का पातन होने के बाद सड़क निर्माण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

-पीडीएस लिगवाल, अधिशासी अभियंता पीएमजीएसवाई पुरोला

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