आकांक्षी जिले की केंद्रीय प्रभारी ने किया निरीक्षण:रोली सिंह ने सेल्फ हैल्प ग्रुप के प्रोडक्ट्स को पहचान दिलाने के लिए प्लान बनाने के दिए निर्देश
जैसलमेर आकांक्षी जिला कार्यक्रम के तहत केन्द्रीय प्रभारी अधिकारी रोली सिंह ने सोमवार को जैसलमेर में कई जगहों का निरीक्षण किया। उन्होने मॉर्डन स्कूल, आंगनबाडी केन्द्र रूपसी और स्वयं सहायता समूह छत्रेल गांव के प्रोडक्ट्स का निरीक्षण किया। फील्ड में सबसे पहले रोली सिंह ने स्वामी विवेकानन्द मॉर्डन स्कूल का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान स्मार्ट क्लास को देखा तथा स्मार्ट क्लास से किस प्रकार से स्टूडेंट्स को फायदा मिल रहा है इसके के बारे में उन्होने चर्चा की। स्कूल के निरीक्षण के दौरान उन्होंने स्टूडेंट्स से रूबरू होकर उनके ज्ञान की परख की और इस स्कूल को और प्रभावी बनाने के लिए निर्देश दिए तथा स्कूल की सराहना की। दरअसल “आकांक्षी जिलों का परिवर्तन” कार्यक्रम नीति आयोग द्वारा एक ऐसी पहल है, जिसका उद्देश्य भारत में प्रतिस्पर्धी संघवाद (कोओपेरेटिव फेडरेलिजम) की संस्कृति को बढ़ावा देकर 117 पिछड़े जिलों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में तेजी से सुधार करना है। जिसमे जैसलमेर जिला भी शामिल है।
आकांक्षी जिला कार्यक्रम की जैसलमेर की केन्द्रीय प्रभारी अधिकारी रोली सिंह ने आंगनबाड़ी केन्द्र रूपसी का भी निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान आंगनबाडी केन्द्र पर दी जाने वाली सेवाओं को लेकर सबसे रूबरू हुई तथा उनसे केन्द्र के बारे में फीडबैक लिया। केन्द्र में टीवी के माध्यम से लर्निग आदि व निगरानी के उपकरणों को देखकर केन्द्र की सराहना करते हुए सबको पूरा फायदा देने के निर्देश दिए।
निरीक्षण के दौरान उन्होंने ग्राम पंचायत छत्रैल में राजीविका के महिला स्वयं सहायता समूहों (सेल्फ हेल्प ग्रुप) द्वारा तैयार किए जाने वाले प्रोडक्ट्स को देखा। रोली सिंह दस्तकारों के बारीकी से तैयार किये गए राली, गूदडी, कुशन कवर, टेबल कवर, ऐप्लीक वर्क, पेच वर्क, आरी तारी कला, कशीदाकारी, टीकाकारी वर्क को देखकर बहुत खुश हुई। उन्होंने इस हुनर को पहचान देने के लिए डीपीएम राजीविका को निर्देश देते हुए कहा कि इनके कामों का जीआई टैगिंग करें। उन्होंने इनके सामानों को पहचान दिलाने तथा बेहतर प्लेटफॉर्म दिलाने के लिए प्लान बनाने के लिए अधिकारियों को कहा। इस दौरान सीईओ जिला परिषद् डॉ टी शुभमंगला, उप निदेशक महिला एवं बाल विकास विभाग सुभाष बिश्नोई, उप निदेशक महिला अधिकारिता अशोक कुमार गोयल, विकास अधिकारी जितेन्द्र सिंह सांधू, डीपीएम राजीविका शंभू दयाल आदि मौजूद रहे।