नर्से स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़, बिना इनके अस्पताल अधूरा : डा सयाना

उत्तराखंड नर्सेज सर्विस एसोसिएशन की ओर से अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस पर दून मेडिकल कालेज अस्पताल में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। नर्सिंग अधिकारियों ने आधुनिक नर्सिंग की जनक फ्लोरेंस नाइटिंगेल के चित्र पर पुष्प अर्पित कर सेवा का संकल्प लिया। मुख्य अतिथि मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. आशुतोष सयाना ने कहा कि नसर्ें स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ हैं। नर्सो के बिना हर अस्पताल अधूरा है।
उन्होंने कहा कि किसी भी मरीज की जान बचाने या उन्हें सेहतमंद बनाने में नर्सो का अहम योगदान है। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में वह पहली पंक्ति में खड़ी रहीं। उनकी कड़ी मेहनत व लगन के लिए जितनी भी प्रशसा की जाए कम है। कहा कि कोरोना में उन्हें जो सम्मान मिला है, उसे बरकरार रखें। मरीज की बेहतरी के लिए काम करें और अपने जूनियर्स को भी सिखाएं। इस दौरान स्टाफ की कमी की समस्या भी उठाई गई। वहीं, पदाधिकारियों ने नर्सिंग दिवस पर 12 से चार बजे तक छुट्टी दिए जाने की माग की। कार्यक्रम में संयुक्त निदेशक चिकित्सा शिक्षा डा. एमके पंत, पूर्व अध्यक्ष अंजना भौमिक, एमएस डा. केसी पंत, एएनएस मंजू चौहान, प्रातीय अध्यक्ष मीनाक्षी जखमोला, महामंत्री काति राणा, सतीश धस्माना, विद्या चौबे, इंदु शर्मा आदि मौजूद रहे। नर्सिग रोजगार नहीं, सेवा का माध्यम
जिला चिकित्सालय (कोरोनेशन अस्पताल) में भी नर्स दिवस हर्सोल्लास के साथ मनाया गया। वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डा. डीपी जोशी ने नर्सिंग अधिकारियों को स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ बताया। उन्होंने कहा कि नर्सिंग अधिकारियों के योगदान को भुलाया नही जा सकता है। नर्सिंग अधिकारी अंकित भट्ट ने कहा कि हमें ऐसे पेशे में होने पर गौरवान्वित महसूस करना चाहिए कि जिसके लिए एक खास दिन है। कहा की नर्सिंग सेवा का माध्यम होना चाहिए, रोजगार का नहीं। इस दौरान डा. वंदना सुंदरियाल,डा. नीतू तोमर, नर्सिंग सुप्रीटेंडेंट पूनम गौतम,असिस्टेंट नर्सिंग सुप्रीटेंडेंट माहेश्वरी ने भी नर्सिंग अधिकारियों के काम की तारीफ की। डा. कंचन ठाकुर, डा. नमिता पंत, डा. नीलम जंगपागी, नर्सिंग अधिकारी ज्योति खन्ना, सुमन शर्मा, पदमिनी रावत, कल्पना सक्सेना, अर्चना सिंह, गीता नेगी आदि उपस्थित रहे।