गढ़वाल विवि और जर्मनी के विज्ञानी मिलकर करेंगे शोध
श्रीनगर गढ़वाल :हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय और यूनिवर्सिटी आफ होहेन हाइम स्टडगार्ट जर्मनी के विज्ञानी और छात्र कृषि, पर्यावरण और पारिस्थितिकी तंत्र के क्षेत्र में संयुक्त रूप से शोध व उच्च स्तरीय शिक्षण कार्य करेंगे। इसके लिए गढ़वाल विवि के प्रति कुलपति प्रो. आरसी भट्ट और यूनिवर्सिटी आफ होहेन हाईम स्टडगार्ट की डा. कोरोलिन के बीच शुक्रवार को समझौता हुआ।
गढ़वाल केंद्रीय विवि के स्कूल आफ एग्रीकल्चर एंड एलाइड साइसेंस तथा जियोलाजी विभाग और यूनिवर्सिटी आफ होहेन हाइम स्टडगार्ट जर्मनी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित पांच दिवसीय कार्यशाला शुक्रवार को संपन्न हो गई। इस दौरान जर्मनी से आए विज्ञानियों ने हिमालय के महत्व, जलवायु परिवर्तन के दौर के साथ ही पहाड़ के पारिस्थितिकी तंत्र को लेकर भी अध्ययन किया। कार्यशाला के संयोजक प्रो. एके नेगी ने कहा कि वानिकी और प्राकृतिक संसाधनों पर शोध अध्ययन करने को लेकर एक परियोजना प्रस्ताव शीघ्र ही होहेन हाईम जर्मनी यूनिवर्सिटी को दिया जाएगा। गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रो. आरसी भट्ट ने कहा कि हिमालयी क्षेत्र के पारिस्थितिकी तंत्र का संरक्षण और संवर्द्धन जलवायु परिवर्तन के इस दौर में बहुत महत्वपूर्ण और अनिवार्य भी है। प्रति कुलपति प्रो. आरसी भट्ट ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जीव जंतुओं और वनस्पतियों पर पड़ने वाले प्रभाव को समझने का प्रयास भी इस कार्यशाला में प्रतिभाग कर रहे वैज्ञानिकों द्वारा किया गया, जो बहुत महत्वपूर्ण भी है। जर्मनी यूनिवर्सिटी के प्रो. एंडियास ने हिमालय के पारिस्थितिकी तंत्र की विविधता और उसके समुचित प्रबंधन को लेकर आधुनिक विज्ञानी तकनीकों का प्रयोग करने पर जोर दिया। जर्मन यूनिवर्सिटी से आए विज्ञानियों ने मधुमक्खियों की विभिन्न प्रजातियों की जैव विविधता को लेकर अध्ययन करने पर भी जोर दिया। औषधीय पौधों के वैश्विक महत्व को स्वीकारते हुए जर्मनी के विज्ञानियों ने उनके समुचित प्रबंधन और वैज्ञानिक विधि से उनके उत्पादन पर जोर दिया। गढ़वाल केंद्रीय विवि कृषि संकाय के डीन प्रो. जेएस चौहान ने कहा कि एमओयू हो जाने से दोनों विश्वविद्यालयों के विज्ञानी हिमालयन कृषि और पारिस्थितिकी तंत्र को लेकर आधुनिक तकनीकियों के साथ शोध कार्य करेंगे। विश्वविद्यालय के रूरल टेक्नालाजी विभाग के अध्यक्ष प्रो. आरएस नेगी ने कहा कि शैक्षणिक आदान-प्रदान से शोध कार्यो की गुणवत्ता भी बढ़ेगी। प्रो. आरएस राणा, प्रो. जेएस चौहान, प्रो. एके नेगी, प्रो. आरएस नेगी, प्रो. डीएस चौहान, डा. डीके राणा, डा. हिमशिखा गुसाई, डा. बबीता पाटनी, डा. जेएस बुटोला, डा. तेजपाल सिंह बिष्ट भी इस अवसर पर विशेष रूप से मौजूद थे।