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नगर निगम ने शुरू की व्यवसायिक शुल्क व स्वकर निर्धारण की प्रक्रिया

कोटद्वार : विधानसभा चुनाव से पूर्व नगर निगम बोर्ड बैठक में जिस स्वकर निर्धारण व व्यवसायिक शुल्क को समाप्त करने के लिए प्रस्ताव पारित किया था, शासन ने उस प्रस्ताव को सिरे से नकार दिया है। इसके बाद नगर निगम ने एक बार फिर स्वकर निर्धारण व व्यवसायिक शुल्क की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

बताते चलें कि बीते वर्ष दिसंबर में नगर निगम ने व्यवसायिक शुल्क व स्वकर निर्धारण से संबंधित नोटिस भेजने शुरू किए। इन नोटिसों में उस शासनादेश का हवाला दिया, जो 25 अक्टूबर 2016 को जारी किया था। नगर निगम की ओर से निगम क्षेत्र में शामिल उन ग्रामीण क्षेत्रों में भी व्यवसायिक शुल्क के नोटिस भेजे गए, जहां शासन ने अगले दस वर्षों तक किसी भी तरह का टैक्स न लेने की घोषणा की है। नतीजा, व्यापारियों के साथ ही आमजन में रोष छा गया। राजनैतिक दलों ने भी इस मुद्दे को हाथों-हाथ लपका और भाजपा-कांग्रेस ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप शुरू कर दिए। मामला तूल पकड़ा तो इसी वर्ष पांच जनवरी को नगर निगम बोर्ड बैठक में स्वकर निर्धारण व व्यवसायिक शुल्क रद किए जाने संबंधी प्रस्ताव को रद कर इसकी सूचना शासन में भेज दी

करीब चार माह के इंतजार के बाद अब शासन ने इस प्रस्ताव का संज्ञान लेते हुए बोर्ड बैठक के इस निर्णय को खारिज कर दिया है। शासन की ओर से बोर्ड बैठक के निर्णय को खारिज किए जाने के बाद अब नगर निगम ने पुन: स्वकर निर्धारण व व्यवसायिक शुल्क वसूलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सात-आठ गुना बढ़ाया गया है टैक्स

25 अक्टूबर 2016 के जिस शासनादेश का हवाला देते हुए नगर निगम व्यवसायिक टैक्स वसूल रहा है, वह पूर्व में लागू दरों से काफी अधिक है। कांग्रेस शासनकाल में जारी इस शासनादेश में टैक्स की वर्तमान दरों की अपेक्षा पांच से आठ प्रतिशत तक बढ़ोतरी की गई है। नतीजा, जो व्यापारी पूर्व में पांच हजार रुपये प्रति माह टैक्स देता था, उसे अब न्यूनतम 25 हजार रुपये प्रतिमाह टैक्स देना पड़ेगा। व्यापारियों का कहना है कि टैक्स में इतनी अधिक बढ़ोतरी से उनका व्यापार प्रभावित होना तय है।

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बोर्ड में पारित प्रस्ताव को शासन स्तर से निलंबित कर दिया है। नगर निगम क्षेत्र की ओर से समस्त भवन स्वामियों से 15 दिनों के भीतर अपनी संपत्ति संबंधी कर निर्धारण प्रपत्र भरकर नगर निगम कार्यालय में जमा करने को कहा गया है। साथ ही व्यवसायियों से भी व्यवसायिक लाइसेंस के लिए आवेदन करने को कहा गया है। किशन सिंह नेगी, नगर आयुक्त, कोटद्वार नगर निगम

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