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मौसम सेवाओं की उपयोगिता को लेकर किया जागरूक

रुड़की: चौपाल में किसानों को कृषि मौसम परामर्श सेवाओं के बारे में जागरूक किया गया। साथ ही किसानों को बदलती जलवायु की परिस्थितियों में मौसम सेवाओं की उपयोगिता के बारे में जानकारी दी गई। आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) रुड़की के जल संसाधन विकास एवं प्रबंधन विभाग में संचालित ग्रामीण कृषि मौसम सेवा परियोजना ने किसान चौपाल आयोजित की।

देहरादून जिले के डोईवाला ब्लाक के अंतर्गत झबरावाला गांव में आयोजित किसान चौपाल में ग्रामीण कृषि मौसम सेवा परियोजना के नोडल अधिकारी प्रो. आशीष पांडेय ने किसानों के साथ चर्चा की। उन्होंने कहा कि कृषि मौसम परामर्श सेवाएं किसानों को दिन-प्रतिदिन के खेती-किसानी के कार्यों में निर्णय लेने में न सिर्फ सहायता प्रदान करती हैं, बल्कि खेती में लागत कम करने और मुनाफा बढ़ाने में भी मददगार होती हैं। लक्सर ब्लाकके प्रगतिशील कृषक तथा राजकीय इंटर कालेज भोगपुर में हिदी प्रवक्ता डा. सतीश कुमार शास्त्री ने किसानों को ग्रामीण कृषि-मौसम परामर्श सेवा परियोजना के अंतर्गत आइआइटी रुड़की की ओर से उपलब्ध कराई जा रही कृषि-मौसम सेवाओं के बारे में अनुभव साझा किए। उन्होंने प्रत्येक किसान से इन सेवाओं से जुड़ने का आग्रह किया। आधुनिक कृषि का परंपरागत प्राचीन कृषि के साथ समन्वय स्थापित करते हुए प्राकृतिक कृषि को अपनाने के लिए किसानों को प्रेरित किया। भू-अमृत किसान उत्पादक संघ के चेयरमैन तथा प्रगतिशील कृषक रवि किरन सैनी ने प्राकृतिक कृषि व किसान उत्पादक संघ से होने वाले लाभ के बारे में बताया। भू अमृत किसान उत्पादक संघ के निदेशक गुरविदर सिंह ने मित्र कीटों के बारे में जानकारी दी। बताया कि बहुत से ऐसे कीट हैं जो फसल को नुकसान पहुंचाने वाले कीटों को खा लेते हैं। इसलिए किसानों को जल्दबाजी में कीटनाशकों के प्रयोग से बचना चाहिए। क्योंकि कीटनाशकों के प्रयोग से मित्र कीट भी नष्ट हो जाते हैं। किसान चौपाल में प्रगतिशील कृषक ओम प्रकाश कम्बोज, प्रताप सिंह, भगवान सिंह, श्याम सिंह, उदयपाल सिंह, विकास कम्बोज, विनय कम्बोज आदि किसान मौजूद रहे

मेघदूत, किसान और दामिनी एप की दी जानकारी: परियोजना के तकनीकी अधिकारी डा. अरविंद कुमार ने किसानों को भारत मौसम विभाग की ओर से विकसित मेघदूत एप व आइआइटी रुड़की की ओर से ब्लाक स्तर पर कृषि-मौसम सेवाओं की सूचना के लिए विकसित किसान एप डाउनलोड करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने किसानों को आकाशीय बिजली की पूर्व चेतावनी के लिए भारत मौसम विभाग की ओर से विकसित दामिनी एप प्रयोग करने की सलाह दी। मौसम प्रेक्षक रोहित गिरि और फसल परियोजना में कार्यरत जेआरएफ सुमित विश्वकर्मा ने किसानों का फीडबैक एकत्रित किया। वहीं झबरावाला गांव के युवा कृषक सुखविदर सिंह ने मौसम मित्र के रूप में अपनी स्वैच्छिक सेवाएं प्रदान करने की इच्छा जताई

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