अवैज्ञानिक दोहन से बढ़ रहा जल संकट
पौड़ी: इस्पात मंत्रालय के निदेशक व जल शक्ति अभियान के केंद्रीय नोडल अधिकारी अरुण कुमार ने कहा कि मनुष्यों के जल के अवैज्ञानिक दोहन के चलते जल संकट विश्वव्यापी हो चुका है। शहरों में भूमिगत जल नीचे जा रहा है तो पहाड़ी क्षेत्रों में स्त्रोत सूख रहे हैं। इसके चलते जल संरक्षण व मृदा संरक्षण मुख्य चितन के केन्द्र में आ गया है। उन्होंने जल संरक्षण के लिए सभी को व्यक्तिगत और मिलजुलकर गांव से लेकर राष्ट्रीय स्तर जन आंदोलन के तौर तक कार्य करने की जरूरत बताई।
केंद्रीय नोडल अधिकारी अरुण कुमार व राष्ट्रीय भूजल विज्ञान संस्थान रुड़की की प्रो. अश्वनी, अरविद रानाडे के नेतृत्व में जल शक्ति अभियान कैच द रैन के कार्यों के निरीक्षण पर पौड़ी जनपद आए हैं। मंगलवार को विकास भवन सभागार में आयोजित बैठक में उन्होंने कैच द रैन को लेकर संबंधित विभागों की जानकारी ली। इस दौरान जनपद के विभिन्न विभागों ने जल शक्ति अभियान, अमृत सरोवर योजना, जल स्रोत पुनर्जीवन, वर्षा जल संरक्षण, चाल-खाल, नौले, माइक्रो डैम आदि से संबधित कार्यों का विभागवार प्रजेंटेशन दिया। राष्ट्रीय भूजल विज्ञान संस्थान रुड़की की प्रो. अश्वनी, अरविद रानाडे ने कहा कि जल शक्ति अभियान, अमृत सरोवर अभियान और पौधारोपण के साथ-साथ मृदा संरक्षण व संवर्द्धन में परंपरागत तरीके के साथ-साथ जो भी आधुनिक रिसर्च हो रहे हैं। उन्होंने रुड़की तकनीकी संस्थान द्वारा इन अभियानों में हर संभव तकनीकीमदद देने का आश्वासन देते कहा कि जल विहीन जंगल, वन्यजीव जैसे प्रकृति के आभूषणों को बचाने के लिए भागीदारी लेनी होगी। जिलाधिकारी डा. विजय कुमार जोगदंडे ने बताया कि जनपद में जल शक्ति अभियान, अमृत सरोवर और पौधारोपण को लेकर ग्राम सभा स्तर पर बैठकों का आयोजन किया गया जिनमें अभियान के तहत करने वाले कार्यों के संबंध में स्थानीय लोगों के साथ व्यापक विचार-विमर्श करते उनकी भागीदारी ली । विकासखंड स्तर से लेकर जिला पंचायत बैठकों तथा विभिन्न विद्यालयों के साथ ही विशेष आयोजन के अवसरों पर ‘कैच द रेन’ शपथ दिलायी।