ग्रेग चैपल के साथ विवाद पर सौरव गांगुली बोले, ‘जिंदगी में ऐसा होता है, लेकिन गलती नहीं कह सकते’
साल 2005 में ऑस्ट्रेलिया के ग्रेग चैपल भारतीय टीम के कोच बने थे. दरअसल, जॉन राइट का कार्यकाल खत्म होने वाला था, उस वक्त सौरव गांगुली पूर्व ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ग्रेग चैपल से मिले थे, तब दादा को लगा था कि यह ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए सबसे बेहतर कोच साबित होंगे. बहरहाल, साल 2004 में जॉन राइट का भारतीय कोच के तौर पर कार्यकाल खत्म हुआ, जिसके बाद ग्रेग चैपल भारत के कोच बने, लेकिन उसके बाद सौरव गांगुली और ग्रेग चैपल विवाद ने काफी सुर्खियां बटोरी थी.
‘यह जिंदगी का हिस्सा है, इसलिए गलती का नाम नहीं दिया जा सकता’
अब ग्रेग चैपल के साथ विवाद पर सौरव गांगुली ने कहा कि जिंदगी में ऐसा होता है, इसलिए मैं इस पूरे विवाद को गलती के तौर पर नहीं देखता हूं. उन्होंने कहा कि आप किसी को बेहतर काम के लिए नियुक्त करते हैं, लेकिन बहुत बार यह सही साबित नहीं होता है, लेकिन मेरा मानना है कि यह जिंदगी का हिस्सा है, इसलिए गलती का नाम नहीं दिया जा सकता है. गौरतलब है कि ग्रेग चैपल के साथ विवाद के बाद सौरव गांगुली को कप्तानी छोड़नी पड़ी थी. वहीं, सौरव गांगुली को भारतीय टीम से खिलाड़ी के तौर पर भी निकाल दिया गया था.
‘जैसा हो रहा था उसका जवाब बैट या गेंद से नही दिया जा सकता था’
दरअसल, सौरव गांगुली का मानना है कि जब विवाद के बाद भारतीय टीम से उन्हें निकाला गया था, उस वक्त घरेलू क्रिकेट खेलना चैलेंजिंग नहीं था, लेकिन जिस तरह का माहौल बन गया था, वह बहुत मुश्किल था. सौरव गांगुली कहते हैं कि जब उन्हें टीम से निकाला गया तो मैंने उसे ब्रेक के तौर पर लिया, क्योंकि पिछले 13 साल मैं क्रिकेट खेल था. सौरव गांगुली का मानना है कि उस वक्त जो माजरा था, जैसा हो रहा था उसका जवाब बैट या गेंद से नही दिया जा सकता था. वह सब मेरी क्षमताओं से बाहर की बात थी, इस वजह से मैं कुछ नहीं कर सकता था.