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बंदासा गांव को विश्वविद्यालय गोद लेगा

श्रीनगर गढ़वाल: जड़ी बूटी कृषिकरण उद्यानिकी को बढ़ावा देकर ग्रामीणों की आजीविका में सुधार लाने को लेकर गढ़वाल केंद्रीय विवि नई पहल करने जा रहा है। जिसके अंतर्गत विश्वविद्यालय का हैप्रक संस्थान कीर्तिनगर ब्लाक के बंदासा गांव को गोद लेकर गांववासियों को उद्यानिकी और औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा देकर उनकी आजीविका को बढ़ाएगा। विवि हैप्रक संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. विजयकांत पुरोहित ने कहा कि सोमवार को हैप्रक संस्थान की ओर से बंदासा गांव में किसानों को बड़ी इलायची की एक हजार से अधिक पौध वितरित की गई। बंदासा गांव में ग्राम प्रधान पूजा देवी की अध्यक्षता में संचालित कार्यक्रम में ग्रामीणों को जड़ी बूटी खेती के उत्पादन से होने वाले लाभों के बारे में बताया गया। वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. विजयकांत पुरोहित ने कहा कि कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल के निर्देश पर और प्रति कुलपति प्रो. आरसी भट्ट तथा हैप्रक संस्थान के निदेशक प्रो. एमसी नौटियाल की देखरेख में ग्रामीण महिलाओं की आजीविका में सुधार को लेकर विवि हैप्रक संस्थान विभिन्न कार्ययोजनाएं संचालित कर रहा है। डा. पुरोहित ने कहा कि जड़ी बूटी कृषिकरण में जंगली जानवरों की ओर से क्षति पहुंचाने का डर भी नहीं रहता है। ग्राम प्रधान पूजा देवी ने औषधीय पौधों के उत्पादन के साथ ही उद्यानिकी को ग्रामीणों के लिए बहुत लाभकारी बताया। गांवों में हो रही डेडेलियान और रोजमैरी की खेती से मिल रहे लाभों के बारे में भी बताया। कार्यक्रम में विवि हैप्रक संस्थान के शोधार्थी जयदेव चौहान, अजय हेमदान, कमल पुंडीर भी शामिल हुए। बंदासा में ही भगवान सिंह राणा की ओर से विकसित किए गए बगीचे शिरोमणि बाग का भी विवि वैज्ञानिकों ने भ्रमण कर सुझाव दिए।

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