परंपराओं और संस्कारों को संजोकर रखने का दिया संदेश
श्रीनगर गढ़वाल: स्कूली बच्चों की रंग मंच प्रतिभा में निखार लाने को लेकर कुलपति की पहल पर गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के लोककला एवं संस्कृति निष्पादन केंद्र की ओर से बाल रंगयात्रा नाट्य महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। छह अगस्त तक चलने वाले इस बाल रंग यात्रा नाट्य महोत्सव की शुरुआत मुख्य अतिथि सामाजिक कार्यकर्ता गिरीश पैन्यूली बन्नू और प्रसिद्ध रंगकर्मी प्रो. डीआर पुरोहित ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। बाल रंग यात्रा नाट्य महोत्सव की पहली शाम सेंट थैरेसास कान्वेंट इंटर स्कूल श्रीनगर के बाल कलाकार अंजली नेगी और श्वेता श्रीवास्तव के निर्देशन में देहली देहली फूल की नाट्य प्रस्तुति करते उत्तराखंड की परम्पराओं और संस्कारों को जीवंत बनाए रखने का संदेश भी दर्शकों को दिया। रंगकर्मी प्रो. डीआर पुरोहित की लिखित नाटक की प्रस्तुति कई अवसरों पर दर्शकों को भावविभोर भी कर गयी। सेंट थैरेसास कान्वेंट स्कूल के बाल कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति के माध्यम से संदेश देते बताया कि हम चाहे कहीं भी रहें हमें अपनी बोली, अपने संस्कार, अपनी परम्परा और अपनी सभ्यता को सहेजकर रखना है। पहाड़ की प्राचीन सांस्कृतिक परम्परा देहली देहली फूल को लेकर चला फुलारी फूलों का, हे जीत रचना तिन रची.. सहित अन्य पारम्परिक गीतों को गाते हुए भी बाल कलाकारों ने श्रोताओं को झूमने पर मजबूर किया। नाट्य महोत्सव के समन्वयक डा. संजय पांडे ने कहा कि छह अगस्त तक चलने वाले इस नाट्य महोत्सव में विभिन्न स्कूलों के बाल कलाकार आकर्षक नाट्य प्रस्तुति देंगे