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कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड के बाद शरत कमल की नजर पेरिस ओलिंपिक में मेडल जीतने पर

कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में टेबल टेनिस में भारत को 7 मेडल मिले जिसमें अंचता शरत कमल ने भारत को गोल्ड दिलाया। लेकिन 40 की उम्र में उनके लिए यहां तक का सफर आसान बिल्कुल नहीं था खासतौर से पिछले कुछ सालों में कोविड को लेकर उन्होंने कैसे विपरीत परिस्थितियों में खुद को मोटिवेट रखा इस बारे में खुलकर प्रतिक्रिया दी है।

40 साल के शरत कमल ने कॉमनवेल्थ 2022 में 16 साल बाद मेंस सिंगल्स में गोल्ड मेडल जीता है। शरत ने यह उपलब्धि तब हासिल की जब उन्हें कॉमनवेल्थ गेम्स में 3 दिन के अंदर 12 मुकाबले खेलने पड़े। शरत का कहना है कॉमनवेल्थ गेम्स में तीन गोल्ड मेडल ने उनकी प्रेरणा के स्तर को और भी बढ़ा दिया है। TOI से बात करते हुए उन्होंने कहा कि ‘हमारा अगला लक्ष्य 2024 का पेरिस ओलिंपिक गेम्स है। मैं कभी भी कॉमनवेल्थ गेम्स में मेडल जीतने को लेकर निश्चित नहीं था लेकिन 3 गोल्ड मेडल जीतने के बाद मेरा मोटिवेशन लेवल बढ़ चुका है और अब मेरा पहला लक्ष्य पेरिस गेम्स है

2020 कोविड महामारी से कॉमनवेल्थ गेम्स में अपने सफर को लेकर उन्होंने कहा कि यह हमारे जीवन के सबसे कठिन दौरों में से एक था। मैं इसलिए इसे कठिन कह रहा हूं क्योंकि यह अनिश्चिताओं से भरा था। जब मैं 37 साल का था तो कुछ निश्चित नहीं था कि आगे क्या करूं। यह ठीक उसी तरह था जैसे अंधेरे में कार ड्राइव कर रहे हों। यह फिजिकल से ज्यादा मानसिक रूप से कठिन था

शरत कमल ने कहा कि लगभग 2018 से खिलाड़ी बिना फुल टाइन कोच के खेल रहे हैं जो उनके लिए काफी मुश्किल रहे। उन्होंने कहा कि मुश्किल वक्त था लेकिन बतौर खिलाड़ी मैं इस पर कुछ नहीं कह सकता क्योंकि हम इस दौरान केवल वही कर रहे थे जो हमें संबंधित अथॉरिटी द्वारा कहा जा रहा था

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