उत्कृष्ट साहित्य पढ़ने से मानसिक विकास होता है: डा. रेनू
सरदार महिपाल राजेंद्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय में गुरुवार को राष्ट्रीय पुस्तकालय दिवस पर संगोष्ठी आयोजित की गई। संगोष्ठी में छात्र-छात्राओं को जीवन में किताबों के महत्व की जानकारी दी गई।
प्राचार्य डा. रेनू गुप्ता ने कहा कि किताबें ही मनुष्य की सच्ची साथी होती हैं और उत्कृष्ट साहित्य पढ़ने से मानसिक विकास के साथ ही आत्मिक शांति भी मिलती है। स्वस्थ व स्वच्छ समाज के निर्माण में साहित्य का बड़ा योगदान होता है, जिस राष्ट्र का युवा उत्कृष्ठ साहित्य का अध्ययन करता है वह राष्ट्र विकास के सोपान को छूता है। कहा कि दुनिया का सबसे पुराना साहित्य भारत में ही उपलब्ध है। वेद दुनिया के सबसे पुराने ग्रंथ हैं, जिनमें चिकित्सा विज्ञान, राजनीति, अर्थशास्त्र की पूरी जानकारी उपलब्ध होने के साथ ही शुचितापूर्ण जीवन जीने के नियम भी बताए गए हैं। कहा कि उत्कृष्ठ साहित्य के अध्ययन से मानसिक विकास के साथ ही आत्मिक शांति भी मिलती है। पुस्तकालयाध्यक्ष दीपक बहुगुणा ने कहा कि युवाओं को फिल्मों के बजाय साहित्य की ओर रुझान पैदा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अधिकांश फिल्में समाजिक विकृति को प्रदर्शित करने वाली होती हैं, जबकि साहित्य समाज का दर्पण होता है। उन्होंने छात्रों को विभिन्न उत्कृष्ठ पुस्तकों की जानकारी दी। इस दौरान इंदिरा, पूनम, गंभीर चौहान, रितेश, प्रियंका तोमर, रितिका चौहान, सुनीता, मोनू, रेनू तोमर, शिवानी चौहान, ईशा चौहान, अंकिता बिष्ट, रिद्धि नेगी, सनम, निकिता, प्रियंका, नेहा आदि मौजूद रहे।