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बांदीकुई उपजिला अस्पताल में डॉक्टर्स का टोटा:नौ डाक्टर की हुई थी नियुक्ति, एक महीने बाद भी तीन ही पहुंचे; हड्‌डी रोग विशेषज्ञ, ईएनटी सहित सर्जन के पद अब भी खाली

बांदीकुई हाल ही में राजकीय सामुदायिक अस्पताल से उपजिला अस्पताल में क्रमोन्नत बांदीकुई अस्पताल में डाक्टरों के पद बढ़ने के बाद चिकित्सा विभाग ने तबादला सूचियों में एक साथ नौ डाक्टर लगा दिए, लेकिन एक माह गुजरने के बाद भी अभी तक यहां मात्र तीन डाक्टर्स ने कार्यग्रहण किया है।

गौरतलब है बांदीकुई राजकीय अस्पताल को उपजिला अस्पताल में क्रमोन्नत कर दिया था। इसके बाद चिकित्सा विभाग ने तबादला सूची में एक साथ खैरथल से नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. पवन जारवाल, जिला अस्पताल दौसा से चिकित्सा अधिकारी डॉ. अर्चना मीना, डॉ. राजेश गुर्जर, डॉ. चैनसिंह, जिला अस्पताल झुंझनू से कनिष्ठ विशेषज्ञ मेडिसन कैलाश कुमार, कनिष्ठ विशेषज्ञ शिशु रोग डॉ. मोहम्मद असलम, चिकित्सा अधिकारी निश्चेतना डॉ. श्यामलाल, राजकीय अस्पताल जटवाड़ा से डॉ. पंकज यादव तथा सीएचसी बैजूपाड़ा से डॉ. अशोक वेदवाल को नियुक्त किया था।

एक माह बाद भी तीन डाक्टर ही पहुंचे

करीब एक माह पहले जारी तबादला सूची में बांदीकुई उपजिला अस्पताल में नियुक्त किए गए 9 में से अब तक खैरथल से लगाए गए नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. पवन जारवाल, जटवाड़ा से लगाए गए डॉ. पंकज यादव व बैजूपाड़ा से लगाए गए डॉ. अशोक वेदवाल ने ही कार्यभार संभाला है। शेष डाक्टर्स ने अभी तक यहां कोई कार्यभार ग्रहण नहीं करने से डाक्टरों के पद खाली पड़े हुए हैं।

हड्‌डी रोग विशेषज्ञ, सर्जन और ईएनटी के डाक्टर नहीं

उपजिला अस्पताल में करीब आठ साल से हड्‌डी रोग विशेषज्ञ का पद खाली पड़ा हुआ है, लेकिन उसे अभी तक नहीं भरा गया। जिसके चलते यहां होने वाली दुर्घटनाओं सहित फ्रेक्चर के रोगियों को उपचार के लिए रेफर किया जाता है अथवा उन्हें निजी अस्पतालों में मोटी रकम खर्च कर उपचार के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। इसी प्रकार अस्पताल में ईएनटी तथा सर्जन के पद भी खाली है। जिसके चलते अस्पताल में आपरेशन नहीं हो पा रहे हैं।

बांदीकुई उपजिला अस्पताल के प्रभारी डॉ. अशोक सिंह ने बताया कि विभाग ने अस्पताल में करीब 9 डाक्टर लगाए थे। इनमें से तीन ने ही ज्वॉइन किया है। इसकी जानकारी विभाग दे दी है।

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