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शोध ही आत्मनिर्भर भारत का होगा महत्वपूर्ण आधार : मुकुल

ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी भीमताल में बुधवार को सुभाष स्वराज सरकार प्रतियोगी कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। मुख्य वक्ता मुकुल कानिटकर ने सुभाष चंद्र बोस के रंगून में युद्ध बंदियों के समक्ष दिए भाषण का चित्रण किया।

उन्होंने कहा कि उस समय देश के लिए मरना आवश्यक था, लेकिन वर्तमान में राष्ट्र के लिए जीना आवश्यक है। कहा भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए युवाओं को आगे आना पड़ेगा। शोध रूपी तप को ही साधन मानकर कार्य करना पड़ेगा, क्योंकि शोध ही सर्वश्रेष्ठ साधन है। उन्होंने शोध के माध्यम से राष्ट्र को सशक्त, शिक्षित बनाने के लिए विभिन्न गतिविधियां और योजनाओं का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया। बताया कि शोध ही आत्मनिर्भर भारत का महत्वपूर्ण आधार होगा। ग्राफिक एरा के कुलाधिपति डॉ.कमल घनशाला ने कहा कि सुभाष चंद्र बोस के जीवन से जुड़े विभिन्न पहलुओं को सुलझाने के लिए शोध ही सबसे बड़ा माध्यम हो सकता है। उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. ओपीएस नेगी ने कहा कि युवाओं को भारतीयता को दृष्टि में रखते हुए शोध पत्र लेखन का कार्य नियमित करना चाहिए। दून विवि की कुलपति सुरेखा डंगवाल ने आजाद हिंद फौज से संबंधित विषयों पर वक्तव्य प्रस्तुत किया। इस दौरान पोस्टर का भी विमोचन हुआ। यहां भारतीय शिक्षण मंडल के अखिल भारतीय युवा आयाम सह प्रमुख अमित रावत व परिसर निदेशक प्रोफेसर एमसी लोहनी आदि मौजूद रहे।

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