कृषक-वैज्ञानिक संवाद में सुनीं किसानों की समस्याएं
कृषि विभाग की ओर से सोमवार को ब्लॉक सभागार में कृषक-वैज्ञानिक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में कृषि वैज्ञानिकों की ओर से किसानों को धान की फसल को अधिक नुकसान से बचाने और आने वाली फसलों को रोगों से बचाने की जानकारी दी। कार्यक्रम का उद्घाटन विधायक मुन्ना चौहान ने किया।
विधायक ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में हम आत्मनिर्भर हो रहे हैं। अब अन्न उत्पादों को आयात के बजाय निर्यात किया जा रहा है। केंद्र और प्रदेश सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए परंपरागत खेती के साथ ही बागवानी और नई तकनीकी की खेती को बढ़ावा दे रही है। मुख्य कृषि अधिकारी लतिका सिंह ने किसानों के लिए सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी मुहैया कराई। संवाद कार्यक्रम में प्रगतिशील किसानों ने अपनी समस्याएं भी कृषि वैज्ञानिकों के सामने रखी। कृषि विज्ञान केंद्र ढकरानी के वैज्ञानिक संजय कुमार राठी ने कहा कि इस समय किसानों को धान की फसल में अधिक नुकसान हुआ है, लेकिन भविष्य में नुकसान से बचने के लिए पहले से ही तैयारी करनी होगी। बताया कि देहरादून जनपद की मिट्टी में पोटाश की कमी है। लिहाजा किसानों को अपने खेतों में उच्च गुणवत्तायुक्त पोटाश का छिड़काव पर्याप्त मात्रा में करना चाहिए। बताया कि समय की मांग के अनुसार किसान को उपभोक्ता की जरूरतों के हिसाब से उत्पादन करें तो मुनाफा प्राप्त हो सकता है। किसानों ने सरकारी अधिकारियों से किसान सम्मान निधि, बीज, खाद का समय पर नहीं मिलने की शिकायत की। अधिकारियों ने किसानों की समस्याओं के निस्तारण का आश्वासन दिया। इस दौरान ब्लॉक प्रमुख जसविंदर सिंह, कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी आशा राम वर्मा, ब्लॉक कृषि प्रभारी एमपीएस चौहान आदि मौजूद रहे।