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आसन वेटलैंड में प्रवासी परिंदों का आगमन, पहले दिन आए सुर्खाब व कामनकूट, जीएमवीएन ने झील में शुरू कराई बोटिंग

विकासनगर: देश के पहले कंजरवेशन रिजर्व व उत्तराखंड के पहले रामसर साइट आसन वेटलैंड में गुरुवार शाम प्रवासी परिंदों का आगमन शुरू हो गया। पहले दिन छह सुर्खाब व 18 कामनकूट प्रजातियों के परिंदे उत्तराखंड के मेहमान बने हैं। प्रवासी परिंदों के आगमन के साथ ही गढ़वाल मंडल विकास निगम ने बोटिंग शुरू करा दी है।

आसन वेटलैंड में अक्टूबर के पहले सप्ताह में प्रवासी परिंदों का आना शुरू होता है। इन परिंदों का प्रवास अप्रैल के प्रथम सप्ताह तक रहता है। प्रवासी परिंदों के गुरुवार को आगमन से पक्षी प्रेमियों के चेहरे खिल गए हैं। पहले दिन छह रुडीशेलडक यानि सुर्खाब व 18 कामनकूट परिंदे आए हैं। चकराता वन प्रभाग के वन दारोगा प्रदीप सक्सेना ने प्रवासी परिंदों के आगमन की पुष्टि करते हुए बताया कि प्रवासी परिंदों की सुरक्षा के लिए रात दिन की गश्त भी शुरू की जा रही है। वहीं झील में बोटिंग भी शुरू हो गई है।

दरअसल वर्षा काल में देश के पहले कंजरवेशन रिजर्व रामसर साइट आसन वेटलैंड झील में बोटिंग हर साल बंद कर दी जाती है और वर्षा काल समाप्त होने पर अक्टूबर माह में इसकी शुरूआत की जाती है। इस बार मौसम विभाग की चेतावनी के चलते बोटिंग शुरू होने में कुछ देर हुई है, क्योंकि वर्षा होने पर नदियों का जलस्तर एकाएक बढ़ने पर आसन बैराज झील में पानी की बढोत्तरी हो जाती है, ऐसे में बोटिंग करने वालों को खतरा होने की आशंका को देखते हुए हर साल उत्तराखंड जल विद्युत निगम बोटिंग को बंद करा देता है। जिससे पर्यटकों की संख्या भी जीएमवीएन के रिसार्ट में घट जाती है।

आसन वेटलैंड में गुरुवार को बोटिंग शुरू होने पर अब पर्यटक बोटिंग के साथ ही बर्ड वाचिंग का आनंद भी ले सकेंगे। आसन झील में हर साल अक्टूबर से जून तक पैडल वोट चलती है। जीएमवीएन के आसन रिसार्ट प्रबंधक अरविंद मैठानी के अनुसार बोटिंग शुरू करा दी गई है। प्रवासी परिंदों के कारण यहां पर पक्षी प्रेमियों के आने से जीएमवीएन की आय में भी इजाफा होता है।

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