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वरिष्ठ प्रधानाध्यापक को दिया जाए उप शिक्षाधिकारी का चार्ज

शिक्षकों ने लंबे से रिक्त पड़े उप शिक्षाधिकारी के पदों पर ब्लॉक के वरिष्ठ प्रधानाध्यापकों को तैनात करने की मांग की है। शिक्षकों का कहना है कि खंड शिक्षाधिकारी के पास माध्यमिक विद्यालयों से संबंधित प्रशासनिक कार्यों की अधिकता है, ऐसे में प्राथमिक शिक्षा को पर्याप्त समय नहीं मिल पाता है। इससे शिक्षकों और छात्रों से संबंधित समस्याओं का समय पर समाधान नहीं होता है। इसके साथ ही शिक्षा व्यवस्था भी प्रभावित हो रही है। शिक्षकों ने इस संबंध में शिक्षा महानिदेशक को ज्ञापन प्रेषित किया है।

जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष अनंत कुमार सोलंकी ने कहा कि विकासनगर ब्लॉक में 104 प्राथमिक और 34 जूनियर हाईस्कूल हैं। चकराता ब्लॉक में 160 प्राथमिक और 47 जूनियर हाईस्कूल, कालसी ब्लॉक में 150 प्राथमिक, 30 जूनियर हाईस्कूल, सहसपुर ब्लॉक में 165 प्राथमिक विद्यालय और 30 जूनियर हाईस्कूल हैं। इन विद्यालयों में करीब तीस हजार छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं, जबकि डेढ़ हजार से अधिक शिक्षक अपनी सेवाएं दे रहे हैं। करीब छह माह से प्रत्येक ब्लॉक में उप शिक्षाधिकारी का पद रिक्त है। सिर्फ एक ही अधिकारी के सहारे माध्यमिक और प्राथमिक शिक्षा की प्रशासनिक व्यवस्थाएं संचालित हो रही है। ऐसे में कई व्यवस्थाएं प्रभावित हो जाती हैं। कई बार समय पर सूचनाएं जिला मुख्यालय तक पहुंचने में व्यावहारिक परेशानियां आ जाती हैं। लिहाजा उप शिक्षाधिकारी की नियमित तैनाती होने तक प्रत्येक ब्लॉक में वरिष्ठ प्रधानाध्यापक को उप शिक्षाधिकारी का चार्ज दिया जाना चाहिए। प्राथमिक शिक्षक संघ के ब्लॉक मंत्री कमल सुयाल, कोषाध्यक्ष मधु पटवाल, जूहा शिक्षक संघ के पूर्व अध्यक्ष सुरेश नौटियाल, चकराता ब्लॉक के पूर्व अध्यक्ष संतराम जिनाटा ने कहा कि ब्लॉक में एक ही अधिकारी के तैनात होने से कई व्यावहारिक परेशानियां भी आ रही हैं। अधिकारी एक दिन तीन से अधिक विद्यालयों का निरीक्षण नहीं कर पाते हैं। ऐसे में दुर्गम क्षेत्र के विद्यालयों में लंबे समय तक अधिकारी निरीक्षण को पहुंचते ही नहीं हैं। इसके साथ ही बोर्ड परीक्षा के दौरान बीईओ कार्यालय का पूरा ध्यान परीक्षाओं को संपन्न कराने पर रहता है, जिससे प्राथमिक शिक्षा की ओर ध्यान नहीं दिया जाता है। कहा कि इन व्यावहारिक परेशानियों बचने और शिक्षकों, छात्रों के हितों को देखते हुए वरिष्ठ प्रधानाध्यापक को उप शिक्षाधिकारी का चार्ज दिया जाना चाहिए।

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