पर्वतीय क्षेत्रों में जनाधार को लेकर कांग्रेस सतर्क, नजरें लोकसभा चुनाव पर टिकी
देहरादून : कांग्रेस देवभूमि उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में अपने जनाधार को फिर से मजबूत करेगी। प्रमुख विपक्षी पार्टी की नजरें दो वर्ष बाद, यानी वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव पर टिकी हैं। दो लोकसभा और दो विधानसभा चुनाव में करारी हार से सबक लेकर पार्टी गढ़वाल और कुमाऊं के पर्वतीय क्षेत्रों का रुख कर रही है। उत्तराखंड में भारत जोड़ो यात्रा शुरू करने के लिए चमोली जिले के सीमांत गांव माणा को चुना गया है। प्रदेश संगठन के साथ ही पार्टी के दिग्गज नेता इन कार्यक्रमों का हिस्सा होंगे
कांग्रेस के सामने इस समय सबसे बड़ी चुनौती उत्तराखंड की राजनीति में खोए मुकाम को वापस पाने की है। वर्ष 2014 के बाद पार्टी को बड़े चुनाव में सफलता नहीं मिली है। वर्ष 2014 और वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में लोकसभा की सभी पांच सीटों पर उसे पराजय हाथ लगी है। वर्ष 2017 और वर्ष 2022 में लगातार दो विधानसभा चुनावों में भी पार्टी की बुरी गत हो चुकी है।
हाल ही में हरिद्वार में हुए पंचायत चुनाव में भी पार्टी का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। पार्टी की चिंता उस समय और बढ़ गई, जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव के बाद अपने दौरे के लिए उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्र चमोली जिले के माणा को चुना। यही नहीं मोदी ने अपने संबोधन में पर्वतीय और सीमांत क्षेत्रों की उपेक्षा के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराने में कसर नहीं छोड़ी थी।
माणा से मोदी की हुंकार को सीमांत व पर्वतीय क्षेत्रों में भाजपा के जनाधार को अधिक ताकत देने के प्रयासों से जोड़कर देखा जा रहा है। इसका जवाब देने के लिए ही कांग्रेस ने अल्मोड़ा और माणा को चुना है। प्रदेश की पांच लोकसभा सीटों पर पर्वतीय जिलों और उससे जुड़े मतदाताओं का प्रभाव रहता है। मतदाता सांख्यिकीय में परिवर्तन के बाद भी पर्वतीय क्षेत्रों के प्रभाव ने कांग्रेस को भी चाल-ढाल बदलने को विवश कर दिया है।
प्रदेश कांग्रेस की नई कार्यकारिणी के साथ ही ब्लाक और जिलाध्यक्षों की नई सूचियां जारी होनी हैं। इससे पहले ही प्रदेश संगठन ने गुरुवार को अल्मोड़ा में पूर्व सांसदों, पूर्व विधायकों, दिग्गज नेताओं की बैठक बुलाई है। इसमें छह जिलों पिथौरागढ़, चमोली, अल्मोड़ा, बागेश्वर, चंपावत व नैनीताल के पार्टी पदाधिकारी, नगर निकायों और जिला पंचायतों के अध्यक्षों व पूर्व अध्यक्षों को भी बुलाया गया है।
प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव के पांच दिनी दौरे की शुरुआत गुरुवार को अल्मोड़ा से हो रही है। शुक्रवार को देवेंद्र यादव अल्मोड़ा जिले के पार्टी कार्यकत्र्ताओं के साथ बैठक करेंगे। शनिवार को देहरादून में प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में शेष सात जिलों रुद्रप्रयाग, टिहरी, उत्तरकाशी, पौड़ी, देहरादून, हरिद्वार व ऊधमसिंहनगर की बैठक बुलाई गई है। इसके तुरंत बाद प्रदेश में भारत जोड़ो यात्रा के पहले चरण का कार्यक्रम तय किया गया है। छह नवंबर को पार्टी के तमाम बड़े नेता देहरादून से ऋषिकेश, देवप्रयाग, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, कर्णप्रयाग, चमोली, जोशीमठ होते हुए बदरीनाथ धाम पहुंचेंगे।