वीएलटी के कमांड एंड कंट्रोल रूम की शुरुआत, अब 24 घंटे निगरानी में रहेंगे यात्री वाहन
प्रदेश में पंजीकृत समस्त यात्री वाहनों की अब 24 घंटे निगरानी हो सकेगी। परिवहन विभाग की तरफ से बनाए गए व्हीकल लोकेशन ट्रेकिंग सिस्टम (वीएलटी) के कमांड एंड कंट्रोल रूम ने शुक्रवार से काम शुरू कर दिया।
इसका उद्घाटन परिवहन मंत्री चंदन रामदास व परिवहन सचिव अरविंद सिंह हयांकी ने किया। प्रदेश सरकार की ओर से महिला व यात्री सुरक्षा को लेकर वाहनों में वीएलटी व पैनिक बटन लगाना अनिवार्य कर दिया गया था, लेकिन कंट्रोल रूम तैयार न होने से सरकार वाहनों की निगरानी नहीं पा रही थी। अब वाहनों की न केवल लोकेशन ट्रेकिंग आसानी की जा सकती है, बल्कि वाहन की स्पीड व उससे जुड़ी सभी जानकारी कंट्रोल रूम में रहेंगी।
सार्वजनिक यात्री वाहनों में वीएलटी और पैनिक बटन लगाना अनिवार्य यूं किया गया, ताकि किसी भी आपातकाल स्थिति में बटन को दबाने पर अलार्म बज जाए और समीप के पुलिस स्टेशन से लेकर एंबुलेंस सेवा व स्वजन को जानकारी मिल जाए।
दिल्ली में सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बाद सरकार ने सार्वजनिक यात्री वाहनों में महिला यात्री के साथ हो रही यौन उत्पीडऩ एवं हिंसा की घटनाओं के मद्देनजर लागू किया था। इसके तहत एक जनवरी-2019 के बाद पंजीकृत समस्त सार्वजनिक वाहनों में है वीएलटी व इमरजेंसी बटन वाहन की निर्माता कंपनी को लगाकर देना है।
पुराने वाहनों के लिए बाहरी एजेंसी को यह जिम्मेदारी दी गई है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने नोटिफिकेशन जारी कर वाहन निर्माताओं को इसका अनुपालन करने के आदेश दिए थे। इसमें आटोरिक्शा और ई-रिक्शा को छूट है।
नोटिफिकेशन में राज्यों को कड़े आदेश दिए गए थे कि जिस सार्वजनिक वाहन में जीपीएस या व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग (वीएलटी) और इमरजेंसी बटन न लगा हो, उसे फिटनेस प्रमाण-पत्र न दिया जाए। इस दौरान राज्य सरकारों को निर्देश दिए गए थे कि वह वीएलटी निर्माता के साथ संयुक्त रूप से कंमाड और कंट्रोल सेंटर स्थापित करें
त्तराखंड सरकार द्वारा भी परिवहन विभाग के माध्यम से डिवाइस को लेकर 17 एजेंसियां अधिकृत कर पुराने वाहनों पर भी डिवाइस लगवाए गए। अब तक प्रदेश में 24833 वाहनों में ये डिवाइस लग चुके हैं। अगर वाहन से कोई छेड़छाड़ की गई या उसकी लोकेशन बदलने के लिए प्रयास किए गए तो इसकी जानकारी कमांड एंड कंट्रोल रूम को मिल जाएगी। परिवहन मंत्री ने कहा कि यात्री सुरक्षा के लिए प्रदेश में यह सबसे बड़ी उपलब्धि है।
कंट्रोल रूम न बनने से अभी प्रदेश में वाहनों में वीएलटी व पैनिक बटन लगाने की खानापूर्ति चल रही थी। अभी तक जो वीएलडी व पैनिक बटन लगाया जा रहे थे, उनका साफ्टवेयर वाहन मालिक-चालक के मोबाइल में अपलोड हो रहा था।
ऐसे में अगर मालिक या चालक खुद अनहोनी के समय वाहन में हों तो वे सूचना आगे नहीं भेज सकते थे। अब एनआइसी के माध्यम से साफ्टवेयर सोल्यूशन बनाकर मुख्यालय में कमांड व कंट्रोल रूम बनाया गया है।
परिवहन निगम और परिवहन विभाग का मुख्यालय अब एक भवन में होंगे। विभाग के कुल्हान सहस्रधारा रोड स्थित मुख्यालय की दूसरी मंजिल पर निगम का मुख्यालय के नए भवन का निर्माण होगा। शुक्रवार को परिवहन मंत्री ने नए भवन का शिलान्यास किया।
निर्माण एजेंसी पेयजल निगम है एवं खर्च 4.80 करोड़ रुपये परिवहन निगम खुद वहन करेगा। अभी तग परिवहन निगम का मुख्यालय किराये के भवन में चल रहा था। कार्यक्रम में परिवहन निगम प्रबंध निदेशक रोहित मीणा व महाप्रबंधक दीपक जैन भी उपस्थित रहे।