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सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. भंडारी ने दिया इस्तीफा

अल्मोड़ा। सोबन सिंह जीना (एसएसजे) विश्वविद्यालय अल्मोड़ा के कुलपति प्रोफेसर नरेंद्र सिंह भंडारी ने अपने पद से त्याग पत्र दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा कुलाधिपति राज्यपाल को भेजा है। इस्तीफे के कारण का पता नहीं चल सका है। माना जा रहा है कि छात्रसंघ चुनाव कराने के दबाव के कारण उन्होंने इस्तीफा दिया है।

सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के नए कुलपति के रूप में प्रोफेसर भंडारी ने 14 अगस्त 2020 को कार्यभार ग्रहण किया था। सोबन सिंह जीना परिसर में छात्रसंघ चुनाव की तिथि घोषित न होने नाराज छात्रों ने कुछ दिन पहले कुलपति का घेराव किया था। कुलपति ने मौके से ही उच्च शिक्षा मंत्री से फोन पर वार्ता की। मंत्री ने छात्रसंघ चुनाव नवंबर में कराने की सैद्धांतिक सहमति दी थी। मंत्री ने यह भी कहा था कि दिवाली अवकाश के बाद शासन की ओर से कुलपतियों की बैठक बुलाई गई है, जिसमें छात्रसंघ चुनाव की तिथि निर्धारित की जाएगी। वहीं छात्रों ने उच्च शिक्षा मंत्री की सैद्धांतिक सहमति के बाद भी चुनाव की तिथि घोषित नहीं होने पर पांच नवंबर को सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय में तालाबंदी करने की चेतावनी दी थी।

बताया जा रहा है कि छात्रसंघ चुनाव कराने को लेकर लगातार उन पर दबाव पड़ रहा था। इस संबंध में कुलपति प्रोफेसर नरेंद्र सिंह भंडारी ने फोन पर वार्ता की गई लेकिन उन्होंने कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया।
83 दिन के कार्यकाल में कई उपलब्धियां
पिथौरागढ़ कॉलेज को मिला कैंपस का दर्जा, कई संस्थानों के साथ ओएमओयू पर हुए हस्ताक्षर
संवाद न्यूज एजेंसी
अल्मोड़ा। प्रोफेसर नरेंद्र सिंह भंडारी ने कुलपति के 83 दिन के कार्यकाल में विश्वविद्यालय को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का भरसक प्रयास किया। कई संस्थानों के साथ एमओयू में हस्ताक्षर होने के साथ ही विश्वविद्यालय का पिथौरागढ़ में नया कैंपस खुला।

पिथौरागढ़ कॉलेज में नया कैंपस बनने के बाद वहां के हजारों छात्रों को उच्च शिक्षा में बेहतर सुविधा मिल रही है। सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा के योग विज्ञान विभाग में सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्सो का संचालन शुरू किया गया। विश्वविद्यालय में ही लक्ष्मी देवी टम्टा महिला अध्ययन केंद्र खोला गया। हरेली पीठ की स्थापना की गई। उनके कार्यकाल में ही विश्वविद्यालय में विवेकानंद शोध और अध्ययन केंद्र की स्थापना भी हुई। कोरोना काल में उन्होंने ऑक्सीजन के लिए पौधारोपण अभियान की शुरूआत की थी। प्रो. भंडारी के कार्यकाल में विश्वविद्यालय में कई राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय सेमिनार आयोजित किए गए जिसमें देश विदेश के विशेषज्ञों ने भी भागीदारी की। पोलैंड और वन विभाग समेत कई संस्थानों और सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर हुए थे।

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