हाथ पर धार्मिक टैटू की वजह से मेडिकल बोर्ड ने बताया अनफिट
नई दिल्ली । एक व्यक्ति को सीधे हाथ पर बने ‘धार्मिक टैटू’ की वजह से केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और अन्य बलों ने भर्ती के लिए अयोग्य घोषित कर दिया। उसने अधिकारियों के फैसले को चुनौती देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। अधिकारियों के वकील ने यह कहते हुए याचिका का विरोध किया है कि दाहिना हाथ सलामी वाला हाथ होता है और टैटू की गृह मंत्रालय के प्रासंगिक दिशानिर्देशों के तहत अनुमति नहीं है। याचिकाकर्ता ने कोर्ट से कहा था कि वह एक छोटी सी लेजर सर्जरी द्वारा टैटू को हटाने के लिए तैयार है। कोर्ट ने विस्तृत चिकित्सा परीक्षण रिपोर्ट देखी और समीक्षा चिकित्सा परीक्षण से पता चला कि उसमें कोई अन्य दोष नहीं है। कोर्ट ने व्यक्ति को टैटू हटाने के बाद अधिकारियों द्वारा गठित नए मेडिकल बोर्ड के समक्ष पेश होने की स्वतंत्रता देते हुए याचिका का निपटारा कर दिया। जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस सौरभ बनर्जी ने अपने आदेश में कहा, ‘उपरोक्त स्थिति के साथ-साथ न्याय के हित को ध्यान में रखते हुए, हम याचिकाकर्ता को दाहिने हाथ से टैटू हटवाने के बाद आज से दो हफ्ते बाद प्रतिवादियों द्वारा गठित नए मेडिकल बोर्ड के समक्ष पेश होने की स्वतंत्रता देते हुए वर्तमान याचिका का निपटारा करते हैं। यदि उक्त मेडिकल बोर्ड द्वारा याचिकाकर्ता को फिट पाया जाता है, तो प्रतिवादी कानून के अनुसार पद के लिए याचिकाकर्ता के चयन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएंगे। याचिकाकर्ता ने कहा कि वह असम में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों, एनआईए, एसएसएफ और असम राइफल्स परीक्षा 2021 में राइफलमैन जीडी में कांस्टेबल (सामान्य ड्यूटी) के पद के लिए 28 सितंबर को हुई विस्तृत चिकित्सा परीक्षा और उसके बाद 29 सितंबर को समीक्षा चिकित्सा परीक्षा में अयोग्य पाया गया था क्योंकि उसके दाहिने हाथ पर एक धार्मिक टैटू बना हुआ है जिसकी अनुमति नहीं है।