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मुख्यमंत्री चौहान विद्यार्थी परिषद के अधिवेशन में बोले- महापुरूषों का सम्मान व गरिमा बनाए रखना हम सबका नैतिक दायित्व

ग्वालियर । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि महापुरूषों का सम्मान व गरिमा बनाए रखना हम सबका नैतिक दायित्व है। इसी भाव के साथ मध्यप्रदेश में एक ऐसा आदेश जारी किया जायेगा, जिससे जिन संस्थानों के नाम महापुरूषों के नाम पर हैं वे नाम पूरे और हिन्दी में लिखे जाएँ। मुख्यमंत्री चौहान शुक्रवार को ग्वालियर में शुरू हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (मध्य भारत) के तीन दिवसीय प्रांतीय अधिवेशन के उदघाटन सत्र में मौजूद विद्यार्थियों एवं गणमान्य नागरिकों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा स्कूली शिक्षा के पाठ्यक्रम में भी महान क्रांतिकारियों एवं महापुरूषों के नाम प्रमुखता से जोड़े जा रहे हैं। 
यहाँ फूलबाग मैदान में आयोजित हो रहे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (मध्य भारत) के 55वे प्रांतीय अधिवेशन का मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दीप प्रज्ज्वलन कर उदघाटन किया। कार्यक्रम में ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री प्रफुल्ल आकांत तथा सर्वश्री धमेन्द्र राजपूत, रविन्द्र चौहान व सत्यप्रकाश सिंह तोमर सहित अन्य पदाधिकारी एवं नगर निगम सभापति मनोज तोमर व भाजपा जिला अध्यक्ष अभय चौधरी समेत अन्य जनप्रतिनिधिगण मौजूद थे।  इस अवसर पर उन्होंने विद्यार्थी परिषद की सराहना करते हुए कहा कि देश व समाज के लिये जीने वाली पीढ़ी तैयार करने में यह संगठन जुटा है। साथ ही कहा कि विद्यार्थी जीवन में मुझे इसी संगठन से जुड़कर देश व समाज की सेवा करने की प्रेरणा मिली। मैं अपने सार्वजनिक जीवन में जो कुछ भी अच्छा कर पाया हूँ, वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ने का ही सुफल है। उन्होंने कहा भारत माता ने फिर से अंगड़ाई ली है। 
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि हमारे देश का इतिहास समृद्ध और वैभवशाली रहा है। हमारी संस्कृति ने न केवल दुनिया को ज्ञान का प्रकाश दिया अपितु विश्व को “जियो और जीने दो” का पाठ भी पढ़ाया है। हमारी संस्कृति वसुधैव कुटुम्बकम अर्थात पूरे विश्व को एक परिवार सदृश्य मानती है। विश्व कल्याण हमारी संस्कृति का ध्येय है। इसी भाव के साथ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद भी काम करती है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री प्रफुल्ल आकांत ने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद राष्ट्रीय एकात्मता के लिये समर्पित छात्र संगठन है। उन्होंने अधिवेशन में मौजूद विद्यार्थियों का आह्वान किया कि हमारे कृत्य हमेशा ऐसे होना चाहिए जिससे राष्ट्र का भला हो और सम्मान भी बढ़े। स्वागत उदबोधन डॉ. पुरेन्द्र भसीन ने दिया।
 
नई शिक्षा नीति लागू करने में मध्यप्रदेश देश भर में अग्रणी 
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के उदघाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने में मध्यप्रदेश देश भर में अग्रणी है। स्कूली शिक्षा में तेजी से सुधार आ रहा है। स्कूली शिक्षा में मध्यप्रदेश अब पाँचवे नम्बर पर आ गया है। जल्द ही इसमें और सुधार आयेगा। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी एवं धन के अभाव में हम प्रतिभा को कुंठित नहीं होने देंगे। मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है जहाँ मेडीकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिन्दी में शुरू की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा मेधावी छात्र योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के प्रतिभावान बच्चों को उच्च शिक्षा के लिये सरकार बड़ी आर्थिक मदद दे रही है। बारहवीं कक्षा में 75 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल करने वाले बच्चों की मेडीकल, इंजीनियरिंग, कानून एवं प्रबंधन इत्यादि के प्रतिष्ठित संस्थानों में पढ़ाई की फीस प्रदेश सरकार भर रही है।
 
मुख्यमंत्री ने बताए सेवाभावी कार्यकर्ता के लक्षण 
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रांतीय अधिवेशन में मौजूद विद्यार्थियों को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अच्छे एवं सेवाभावी कार्यकर्ता के लक्षण भी बताए। उन्होंने गीता के श्लोक का उद्धहरण देते हुए कहा कि राग-द्वेष से मुक्त होकर सबको समान समझना, अहंकार से मुक्त होना, धैर्यवान व उत्साही होना, असफलता से निराश न होकर लगातार प्रयत्न करना इत्यादि अच्छे कार्यकर्ता के लक्षण हैं। 

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