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अब दूरस्थ गांवों में भी बजेगी मोबाइल की घंटी, 4जी सेचुरेशन प्रोजेक्ट के तहत BSNL के 65 टावर मंजूर

जिले के दूरस्थ गावों में भी अब मोबाइल की घंटी बजेगी। नेटवर्क विहीन गांवों के लिए केंद्र सरकार के 4जी सेचुरेशन प्रोजेक्ट के तहत बीएसएनएल के 65 टावर मंजूर किए गए हैं। बीएसएनएल अधिकारियों का कहना है कि वर्ष 2024 से पहले सभी गांवों के लोग मोबाइल से एक दूसरे से संपर्क कर पाएंगे।

जिले के दूरस्थ गांवों में मोबाइल नेटवर्क नहीं खास होने से लोग आपस में संपर्क नहीं कर पाते थे। स्थिति यह है कि कई विकासखंडों का 60 फीसदी से अधिक हिस्सा नेटवर्क विहीन है। नेटवर्क नहीं होने के कारण कई क्षेत्रों में वितरण भी नहीं हो पा रहा है, लेकिन अब जनपदवासियों को इस समस्या से जल्द निजात मिल जाएगी।

एजीएम कमलेश कुमार ने बताया कि जनपद के नेटवर्क विहीन 103 गांवों के लिए केंद्र सरकार ने 4जी सेचुरेशन प्रोजेक्ट के तहत बीएसएनएल के 65 टावर मंजूर किए गए हैं जिन्हें जगाने के लिए सर्वे शुरू किया गया है। अधिकारियों का कहना है कि भूमि हस्तातरण सहित अन्य औपचारिकताएं पूर्ण होते ही टावर लगाने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। वर्ष 2024 के अंत तक जनपद के सभी गांव नेटवर्क युक्त होंगे।

नेटवर्क नहीं होने से उपभोक्ताओं के अंगूठे के निशान के लिए भटकते हैं राशन विक्रेता

अब बायोमेट्रिक प्रणाली से ही ग्रामीणों को राशन दी जाती है, लेकिन जिले में नेटवर्क नहीं होने के कारण राशन विक्रेताओं के लिए बायोमेट्रिक प्रणाली जी का जंजाल बनी है। स्थिति यह है कि जिले के कई क्षेत्रों में तो राशन विक्रेताओं को बायोमेट्रिक प्रणाली के तहत उपभोक्ता के अंगूठे का निशान लेने के लिए उन्हें वाहन में बैठाकर नेटवक की तलाश में भटकना पड़ता है। जिले में करीब 60 फीसदी हिस्सा नेटवर्क विहीन है। ऐसे में अब जिले में 65 मोबाइल टावर लगने से उपभोक्ताओं के साथ ही राशन विक्रेताओं को भी राहत मिलेगी

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