कार्मिकों की बढ़ोतरी न किये जाने पर मिनिस्ट्रीयल एसोसिएशन ने आक्रोश व्यक्त किया
उत्तराखंड राज्य कर मिनिस्ट्रीयल स्टाफ एसोसिएशन की प्रांतीय कार्यकारिणी की बैठक में एसोसिएशन ने अभी तक कार्मिकों के ढांचे के लिए गठित समिति द्वारा कोई निर्णय नहीं लिए जाने पर आक्रोश व्यक्त किया।
रविवार को आयोजित बैठक में कार्मिकों ने कहा कि वर्ष 2008 से अब तक दो बार अधिकारियों के पदों में बढ़ोतरी की जा चुकी है। तीसरी बार भी अधिकारियों के पदों की बढ़ोतरी के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। जबकि अधिकारियों के सापेक्ष कर्मचारियों की बढ़ोतरी पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी है।बैठक में कहा गया कि कार्मिकों की मांग पर कमेटी गठित तो की गयी। लेकिन तीन माह बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गयी। न ही कमेटी ने अब तक संगठन को चर्चा के लिए बुलाया है। बैठक में निर्णय लिया है कि संगठन अब खुद कर्मियों का ढांचा तैयार कर कमिश्नर, सचिव वित्त व विभागीय मंत्री को मिलकर ढांचा स्वीकृत करने की मांग करेगा। बैठक में मिनिस्ट्रीयल कर्मियों के ढांचे पर विस्तार से चर्चा के बाद संशोधन के साथ एक सप्ताह में इसको पूरा कर शासन को प्रस्ताव सौंपेगा। बैठक में इस बात पर भी रोष व्यक्त किया गया कि कर्मचारियों की भारी कमी व अपडेट सिस्टम व नेट की कमी के कारण जीएसटी मॉनीटरिंग व कंपाइलिंग का काम सुचारु रूप से नहीं हो पा रहा है। जिससे कर संग्रह चोरी रोकने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कहा कि कर संग्रह कम होने पर दबाव कार्मिकों पर आता है। संगठन ने विगत दिनों हुए स्थानांतरण के नाम अनिर्णय की स्थिति को विभाग की छवि धूमिल होना बताया। बताया कि शासन द्वारा धारा 27 में कार्मिकों के अनुसार स्थानांतरण नीति बनने के बाद व समय मिलने के बाद भी स्थानातंरण नहीं होना भी एक अदूरदर्शिता है।जिससे कई कर्मियों का स्थानांतरण अनुरोध के बावजूद स्थानांतरण नहीं होने से निराशा हुई है। बैठक में प्रांतीय अध्यक्ष जगमोहन सिंह, महामंत्री राकेश जखमोला, आर्येंद्र चौहान, सचिन कुमार, केशव उनियाल, रविंद्र सैनी, दौलत, वीरेंद्र तोमर, सुरेश शर्मा, मनमोहन नेगी, सुधीर प्रमोद भंडारी, कुसुम वर्मा, संजय उपाध्याय, उमेशअ बिष्ट, भीमसिंह, ज्ञानसिंह भंडारी, राकेश मैठाणी, रघुवीर तोमर, मनोज जंगपानी आदि शामिल रहे।