हल्द्वानी मेडिकल कालेज में रैगिंग रोकने के लिए वार्डनों की भी जवाबदेही तय, 89 छात्र-छात्राओं ने लिया प्रवेश

हल्द्वानी : राजकीय मेडिकल कालेज (Haldwani Medical Collage) में पिछले वर्ष हुई रैगिंग (Ragging) की घटना से सबक लेते हुए इस बार पहले से ही तैयारी शुरू कर दी है। प्राचार्य प्रो. अरुण जोशी ने वार्डनों की जवाबदेही तय करते हुए छात्र-छात्राओं को हास्टल व रैगिंग के नियमों की बुकलेट भी बांट दी है। 14 नवंबर से एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्र-छात्राओं का हास्टल में प्रवेश शुरू हो जाएगा।
राजकीय मेडिकल कालेज में एमबीबीएस की 126 सीटें हैं। अब तक 89 छात्र-छात्राओं ने प्रवेश ले लिया है। बाकी सीटों पर भी प्रवेश प्रक्रिया 14 नवंबर से शुरू हो जाएगी। वहीं इस बार कैंपस में रैगिंग की घटना न हो। इसके लिए शुरुआत से ही प्राचार्य व उनकी टीम ने प्रवेश लेने वाले छात्र-छात्राओं को जागरूक करना शुरू कर दिया है।
प्रो. जोशी ने बताया कि प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों बताया गया है कि किसी के दबाव में नहीं आना है। अगर कोई भी किसी भी माध्यम से दबाव बनाता है। लाइन में चलने और बाल छोटे करने के लिए दबाव बनाता है तो डरने की जरूरत नहीं है। इसकी शिकायत सीधे वार्डन व मुझसे कर सकते हैं। समय पर शिकायत नहीं करने पर आपको भी जिम्मेदार माना जाएगा
प्रो. जोशी ने बताया कि पुराने छात्र-छात्राओं को भी हास्टल रूल्स के साथ ही रैगिंग रूल्स की बुकलेट उपलब्ध कराई गई है। उन्हें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि वह मौखिक परीक्षा के समय सबसे पहले रैगिंग रूल्स के बारे में ही पूछेंगे। इसलिए नियमों को समझ लें। किसी भी नए छात्र-छात्राओं पर दबाव बनाने की कोशिश न की जाए।
एमबीबीएस बनने पहुंच रहे नए छात्र-छात्राओं के लिए कालेज प्रशासन ने बालक व बालिका हास्टल का रंगरोगन करवा दिया है। बिजली, पानी से लेकर सभी सुविधाएं उपलब्ध करवा दी गई हैं।
पिछले वर्ष मेडिकल कालेज में रैगिंग का मामला हाई कोर्ट तक पहुंचा था। इसमें कमिश्नर से सीधे जांच के आदेश दिए थे। इसके बाद रैगिंग की पुष्टि हुई थी। वीडियो में देखा गया था कि एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्र सिर झुकाए हुए कैंपस में एक लाइन में ही चलते थे। सभी छात्रों ने सिर के बाल एकदम छोटे किए थे।