विश्व कप का सबसे रोमांचक मैच स्पेन के खिलाफ होगा : थामस मुलर
जर्मन टीम के स्टार खिलाड़ी थामस मुलर अपने पहले दो विश्व कप में दस गोल दाग चुके हैं। विश्व कप में सर्वोच्च स्कोरर बनने के लिए उन्हें सात और गोल की आवश्यकता है। बीता विश्व कप जर्मनी के लिए कुछ खास नहीं रहा था, लेकिन कतर में टीम नए कोच हांसी फ्लिक के मार्गदर्शन में उतरेगी और उसे ट्राफी जीतने का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। विश्व कप अभियान पर थामस मुलर का विशेष साक्षात्कार। पेश हैं प्रमुख अंश..
– विश्व कप में सर्वोच्च स्कोरर बनने के लिए आपको सात गोल की जरूरत है। क्या यह आपको ज्यादा प्रेरित करता है
– नहीं, मैं व्यक्तिगत रिकार्ड के बारे में नहीं सोच रहा। हमारा लक्ष्य विश्व कप ट्राफी जीतना है। मैं और टीम के बाकी साथी हमेशा टीम की जीत सुनिश्चित करने के लिए अपनी पूरी कोशिश करते हैं। अगर हम ऐसा कर पाते हैं तो हम सबसे ज्यादा खुशी होगी। इसमें अगर मैं गोल कर कुछ योगदान देता हूं तो मुझे खुशी होगी। लेकिन अगर मैं एक भी गोल नहीं करता हूं और हमारी टीम टूर्नामेंट जीत जाती है तो मुझे सबसे ज्यादा खुशी होगी।
यहां हमेशा ‘टीम पहले’ वाली सोच काम करती है?
– जब हम एक टीम खेल खेलते हैं तो यह एक आदर्श स्थिति होनी चाहिए। जब टीम को सफलता मिलती है तो वह किसी एक की नहीं होती ब्लकि सभी खिलाडि़यों की होती है। हम तहे दिल से जश्न मनाते हैं। अपने क्लब बायर्न म्यूनिख में भी हम यह करते हैं। न सिर्फ बायर्न, बल्कि जर्मनी के सभी क्लब इसी सोच पर चलते हैं कि व्यक्तिगत लक्ष्य से पहले टीम को रखना चाहिए। इसलिए जर्मनी एक ‘स्टार’ टीम है।
रूस में खेले गए पिछले विश्व कप में कहां कमी रह गई। आप गत चैंपियन थे, लेकिन नाकआउट में जगह नहीं बना सके?
– कभी-कभी ऐसा होता है। आप हमेशा जीत नहीं सकते। कभी बुरे दिन भी होते हैं और हमारे लिए तीन में से दो दिन थे। कोई सोच भी नहीं सकता था कि पहले दो सप्ताह में ही हम विश्व कप से बाहर हो जाएंगे। यह हम सभी के लिए स्तब्ध करने वाला था। हमने अच्छी तैयारी की थी, लेकिन वह नहीं कर पाए, जो करना चाहते थे। यह हम सब के लिए बड़ा सबक रहा। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसी चीजें दोबारा नहीं होनी चाहिए।
यूरो 2020 में भी जर्मनी की टीम अपने रंग में नहीं दिखी और नाकआउट में इंग्लैंड के हाथों 0-2 से हार झेलनी पडी?
– हमें यह स्वीकार करना होगा कि हम एक बार फिर बुरी तरह असफल रहे। जर्मन टीम ये ऐसी चीजें हैं, जिनसे जर्मन टीम परिचित नहीं है। फुटबाल जगत का मानना है कि जर्मन टीम बड़े टूर्नामेंट में उत्कृष्ट प्रदर्शन करती है। लेकिन हम लगातार दो टूर्नामेंट में हार गए, यह काफी दुर्लभ है। हालांकि कतर लिए हमने अच्छी तैयार की है और आशा है कि इस बार चीजें बिल्कुल अलग होंगी।
जोआखिम लो की जगह इस बार हांसी फ्लिक टीम के कोच हैं। ड्रेसिंग रूम का माहौल कैसा है?
– वह बायर्न म्यूनिख के कोच रहे हैं। लिहाजा राष्ट्रीय शिविर में बायर्न के फुटबालरों के लिए यह आसान था। हम जानते हैं कि वह कैसे काम करते हैं। वहीं अन्य खिलाडि़यों के लिए भी इतना मुश्किल नहीं है क्योंकि ज्यादातर जर्मन कोच आक्रामक खेल पसंद करते हैं। बीते चार विश्व कप में जोआखिम ने टीम के साथ शानदार काम किया है। अब हांसी को भी यही करना है।
आपके ग्रुप में स्पेन है, जिसके विरुद्ध मैच का नतीजा ग्रुप लीडर तय करेगा। आप इसे कैसे देखते हैं?
– हमने स्पेन टीम का सामना तब किया था, जब वे हर टूर्नामेंट जीत रहे थे। फिर हमने ब्राजील में ट्रेंड बदल दिया। हमारी तरह स्पेन भी बीते दो विश्व कप में कुछ खास नहीं कर सका है। वे भी अपना दबदबा पाने को उत्सुक होंगे, जबकि हम भी यही कोशिश करेंगे। विश्व कप में यह सबसे रोमांचक मैच होगा। हम इसे लेकर काफी उत्सुक हैं।
— अगर सबकुछ सही रहा तो क्या दर्शकों को सेमीफाइनल में जर्मनी बनाम ब्राजील या अर्जेंटीना का मुकाबला देखने को मिलेगा। आप इस बारे में क्या सोचते हैं?
– हम एक बार में एक मैच पर फोकस करेंगे। पहले ग्रुप चरण को हमें पार करना होगा। टीम की यही प्राथमिकता होगी। इसके बाद हमारा सामना अगले प्रतिद्वंद्वी से होगा और तब हम उसके बारे में सोचेंगे। टूर्नामेंट शुरू होने से पहले हम विरोधी टीम को लेकर ज्यादा नहीं सोच रहे हैं। यह कभी जर्मन टीम की सोच का हिस्सा रहा ही नहीं।