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सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी में बनेगा 12 बेड का एनआइसीयू और 30 बेड का वार्ड

हल्द्वानी : गंभीर रूप से बीमार नवजात शिशुओं को अगर इलाज की जरूरत पड़ती है तो कई बार रेफर होना पड़ता है। इसलिए कि केवल 24 बेड का एसएनसीयू (स्पेशल न्यू बर्न केयर यूनिट) अक्सर भरा रहता है।

भविष्य में नवजात शिशुओं को रेफर न करना पड़े। इसके लिए डा. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय (STH Haldwani) में 12 बेड का NICU (नियोनेटल इंटेसिव केयर यूनिट) और 20 बेड का वार्ड बनाने की तैयारी शुरू हो गई है।

यह भारत सरकार की विशेष योजना है। कोविड काल में तीसरी लहर में जब बच्चों में बीमारी फैलने का खतरा पैदा हो गया था। तभी से महसूस किया जाने लगा कि बच्चों के लिए भी एनआइसीयू की संख्या बढ़ाई जाए। हालांकि 50 करोड़ के अस्थायी अस्पताल में 100 बेड बच्चों के लिए निर्धारित थे, लेकिन अब उस अस्पताल को हटा दिया गया है।

पिछले कुछ समय से राजकीय मेडिकल कालेज प्रशासन ने बाल रोग विभाग में एनआइसीयू की जरूरत बताते हुए प्रस्ताव शासन को भी भेजा था। अब शासन ने भारत सरकार की इस योजना को स्वीकृति प्रदान कर दी है। यह योजना करीब ढाई करोड़ रुपये की है।

मेडिसिन विभाग की छत पर बनेगा एनआइसीयू

अस्पताल में पर्याप्त जगह न होने की वजह से इस एनआइसीयू को मेडिसिन विभाग की छत पर बनाया जाएगा। सोमवार को निर्माण करने वाली हिंदुस्तान स्टील वर्क्स लिमिटेड दिल्ली के ठेकेदार और उनकी टीम पहुंची थी। निर्माण की तैयारी शुरू कर दी गई है।

बाल रोग विभाग में यह है स्थिति

एसटीएच के बाल रोग विभाग में 24 बेड का एसएनसीयू है। यह एनएचएम की ओर से संचालित है। इसके अतिरिक्त चार बेड का एक और एनआइसीयू बना है, लेकिन अभी यह चालू नहीं हो सका है।

अस्पताल में अन्य आइसीयू की

वार्ड              बेड

मेडिसिन        12

एनेस्थीसिया    06

सर्जरी            06

बर्न               06

न्यूरोसर्जरी      06

सर्जिकल        20

ट्रामा सेंटर      13

कुमाऊं भर के मरीजों को मिलेगी राहत

प्राचार्य प्रो. अरुण जोशी ने बताया कि बाल रोग विभाग में गहन चिकित्सा कक्ष की जरूरत है। इसके लिए शासन को लिखा गया था। 12 बेड का एनआइसीयू और बन जाएगा तो कुमाऊं भर के मरीजों को राहत मिलने लगेगी

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