29 नवंबर से दून में शुरू होगा विधानसभा का शीतकालीन सत्र, अधिसूचना जारी

देहरादून: विधानसभा का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से देहरादून में शुरू होगा। राजभवन से हरी झंडी मिलने के बाद मंगलवार को विधानसभा सचिवालय ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी।
विधायी विभाग ने हाल में 29 नवंबर से पांच दिसंबर तक शीतकालीन सत्र देहरादून में आयोजित करने का प्रस्ताव विधानसभा को भेजा था। विधानसभा सचिवालय ने इसे अनुमोदन के लिए राजभवन भेज दिया था। राजभवन से अनुमोदन मिलने के बाद विधानसभा सचिवालय ने सत्र की अधिसूचना जारी कर दी
सत्र के आयोजन की तिथि एवं स्थान तय करने के संबंध में विधानसभा अध्यक्ष ऋतु भूषण खंडूड़ी सर्वदलीय बैठक कर चुकी हैं। बसपा और निर्दलीय विधायकों की ओर से शीतकाल में देहरादून में ही विधानसभा सत्र कराने की पुरजोर पैरवी की गई थी।
हाल में शुरू की गई कसरत
प्रमुख प्रतिपक्षी दल कांग्रेस गैरसैंण में सत्र कराने के पक्ष में खड़ी है, लेकिन साथ ही वहां आवश्यक सुविधाएं नहीं होने पर प्रश्न भी खड़े किए हैं। वहीं नियमानुसार छह माह की अवधि के भीतर विधानसभा का सत्र होना चाहिए। इस दृष्टि से देखें तो पिछले सत्र के हिसाब से शीतकालीन सत्र 16 दिसंबर से पहले होना है। इसे देखते हुए हाल में कसरत शुरू की गई।
उधर, बदली परिस्थितियों में होने जा रहे विधानसभा सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं। कानून व्यवस्था, वनंतरा रिसार्ट प्रकरण, भर्ती घोटाले जैसे तमाम मुद्दों पर सरकार को घेरने के लिए विपक्ष रणनीति बनाने में जुटा है। सरकार भी विपक्ष के हमलों का जवाब देने के लिए अपने तरकश में तीर तैयार कर रही है।
पूर्व नेता प्रतिपक्ष व वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रीतम सिंह ने कहा कि सरकार को प्रदेश में विधायक निधि समान रूप से बढ़ानी चाहिए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से विधायकों के विधानसभा क्षेत्रों में विकास योजनाओं के लिए धन देने के संबंध में पूछे गए प्रश्न के जवाब में प्रीतम सिंह ने कहा कि विकास कार्यों में प्रदेश की विषम भौगोलिक परिस्थितियों का ध्यान भी रखा जाना चाहिए। पर्वतीय क्षेत्रों में जनसंख्या घनत्व कम होने के बावजूद वहां होने वाले विकास कार्यों की लागत ज्यादा आती है। मैदानी क्षेत्रों में जनसंख्या अधिक होने के कारण कई बार अधिक धन दिया जाता है। सरकार को दोनों मंडलों की परिस्थितियों को ध्यान में रखकर विधायकों के विकास के लिए समान रूप से धन देना चाहिए