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जमरानी बांध परियोजना के लिए पुनर्वास व मुआवजे को 1323 परिवार तीन श्रेणियों में बांटे

देहरादून। जमरानी बांध बहुद्देश्यीय परियोजना के लिए पुनर्वास एवं पुनव्र्यवस्थापन नीति को कैबिनेट ने हरी झंडी दे दी है। इसे तैयार करने में टिहरी बांध प्रभावितों के पुनर्वास व विस्थापन के लिए वर्ष 2013 में अपनाई गई नीति को आधार बनाया गया है। जमरानी बांध परियोजना से छह गांवों के 1323 परिवार पूर्ण व आंशिक रूप से प्रभावित होंगे। उनके पुनर्वास व मुआवजा प्रदान करने के लिए इन परिवारों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है

प्रभावित परिवारों के लिए 49.471 हेक्टेयर भूमि अर्जित की जाएगी। पुनर्वास एवं पुनव्र्यवस्थापन नीति के अनुसार श्रेणी-एक में रखे गए 226 भूमिधारकों के लिए एक एकड़ भूमि, अर्जित भूमि का प्रतिकर, 200 वर्गमीटर आवासीय प्लाट व पुनर्वास भत्ता, श्रेणी-दो में शामिल किए गए 752 परिवारों के लिए एक एकड़ भूमि के समतुल्य 19.5 लाख की धनराशि, पुनर्वास सहायता व अर्जित भूमि का चार गुना प्रतिकर और श्रेणी-तीन में रखे गए 345 परिवारों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के मानकों के अनुरूप आवास या 2.95 लाख रुपये व पुनर्वास सहायता देने का प्रविधान किया गया है।

जून 2013 की केदारनाथ आपदा के दौरान केदारनाथ धाम से तिलवाड़ा तक के व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को हुई सामग्री की क्षति की पूर्ति के लिए द्वितीय किस्त मुख्यमंत्री राहत कोष से प्रदान की जाएगी। कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई।

सशक्त होंगे दो प्राधिकरण

कैबिनेट ने केदारनाथ विकास प्राधिकरण और टिहरी विशेष क्षेत्र पर्यटन विकास प्राधिकरण के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में पर्यटन के दृष्टिगत इन दोनों प्राधिकरणों को सशक्त बनाने का निर्णय लिया है। इसके लिए उत्तराखंड विशेष क्षेत्र (पर्यटन का नियोजित विकास और उन्नयन) अधिनियम में संशोधन के लिए अध्यादेश लाने की अनुमति दी गई है।

कैबिनेट ने उत्तराखंड जल संस्थान के वित्तीय वर्ष 2016-17, 2017-18 व 2018-19 के वार्षिक लेखों को विधानसभा के आगामी सत्र के दौरान सदन के पटल पर रखने को अनुमोदन दे दिया।

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