क्या साल के अंत में सड़कों पर बजट पोतेगा लोनिवि, डीएम ने की जिला व राज्य सेक्टर समेत विभिन्न योजनाओं की समीक्षा
देहरादून: वित्तीय वर्ष की समाप्ति (31 मार्च 2022) को अब करीब चार माह ही शेष हैं। इसके बाद भी तमाम विभागों की बजट खर्च करने की प्रगति 60 प्रतिशत से कम नजर आ रही है। लोनिवि व पंचायतीरात विभाग तो ऐसे हैं, जिनकी प्रगति अभी भी 10 प्रतिशत के करीब पहुंच पाई है। इस पर जिलाधिकारी सोनिका ने नाराजगी जाहिर करते हुए कम खर्च वाले विभागों से स्पष्टीकरण तलब किया है।
60 प्रतिशत बजट खर्च की स्थिति की तलब
जिलाधिकारी सोनिका ने शनिवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिला सेक्टर, राज्य सेक्टर, केंद्र पोषित, बाह्य सहायतित योजना व 20 सूत्री कार्यक्रम की समीक्षा की। इस दौरान जिलाधिकारी वर्तमान तक तय किए गए 60 प्रतिशत बजट खर्च की स्थिति तलब की। पता चला कि जिला सेक्टर में 15 विभाग ऐसे हैं, जिन्होंने लक्ष्य को हासिल नहीं किया है। राज्य सेक्टर, केंद्र पोषित व 20 सूत्री कार्यक्रम में भी विभिन्न विभाग अपेक्षित प्रदर्शन नहीं कर पाए
लोनिवि की अब तक की स्थिति यह रही है कि मार्च फाइनल करीब आते ही सड़कों पर बजट पोतने का क्रम तेज कर दिया जाता है। अंत समय में बजट खपाने की यह प्रवृत्ति सड़कों की गुणवत्ता पर भारी पड़ जाती है। इस बार भी लोनिवि का यही रवैया देखने को मिल रहा है। यही कारण है कि अब तक विभाग की प्रगति जिला सेक्टर में 10 प्रतिशत के पास अटकी पड़ी है। ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए समर्पित पंचायतीराज विभाग का हाल भी लोनिवि जैसा नजर आया
जिलाधिकारी ने कड़े शब्दों में निर्देश दिए कि विभिन्न योजनाओं में अपेक्षित प्रगति हासिल न करने वाले विभागों से स्पष्टीकरण तलब किया जाए। इसी तरह अन्य योजनाओं में सुस्ती बरतने वाले विभागों को फटकार लगाते हुए लक्ष्य हासिल करने के निर्देश उन्होंने दिए। साथ ही मुख्य विकास अधिकारी को निर्देश दिए कि वह अवमुक्त बजट के सापेक्ष खर्च की स्थिति की समीक्षा हर 15 दिन में करें। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी झरना कमठान, परियोजना निदेशक जिला ग्राम्य विकास अभिकरण आरसी तिवारी, जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी एसके गिरी, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा विद्याधर कापड़ी, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा केएस गुंज्याल आदि उपस्थित रहे
प्रगति की यह रही ओवरआल स्थिति
- जिला सेक्टर, 64.15 प्रतिशत
- राज्य सेक्टर, 66.50 प्रतिशत
- केंद्र पोषित, 87.83 प्रतिशत
- बाह्य सहायतित, 60.17 प्रतिशत
कम खर्च वाले प्रमुख विभाग
- जिला योजना : लोनिवि, पंचायतीराज, लघु यद्योग, उरेडा, स्वास्थ्य विभाग
- राज्य सेक्टर : नलकूप खंड, पंचायतीराज, जल संस्थान, उद्यान विभाग
- केंद्र पोषित : वन, कृषि, पंचायतीराज
जिलाधिकारी सोनिका ने 20 सूत्री कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए पाया कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत 55 एलपीसीडी से संयोजित हर घर नल योजना में प्रगति डी श्रेणी में है। इसी तरह समाज कल्याण विभाग की अनुसूचित जनजाति के परिवारों को आर्थिक सहायता कार्यक्रम भी डी श्रेणी से बाहर नहीं निकल पाया। इस पर जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को श्रेणी में हर हाल में सुधार लाने की हिदायत दी। दूसरी तरफ नगर निगम की प्रधानमनंत्री आवास योजना (नगरीय) व महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रधानमनंत्री मातृत्व वंदना योजना को बी से ए श्रेणी में आने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
जिलाधिकारी ने मुख्य विकास अधिकारी को निर्देश दिए कि जिन विभागों ने खर्च की स्थिति 70 प्रतिशत से अधिक दर्शाई है, उनकी रैंडम जांच की जाए। ताकि दावे की पुष्टि की जा सके।
समीक्षा बैठक में नलकूप खंड व जल संस्थान के अधिशासी अभियंता अनुपस्थित पाए गए। हालांकि, इन्हें छुट्टी पर बताया गया। जिलाधिकारी ने दोनों का स्पष्टीकरण तलब करते हुए कहा कि अधिकारियों की अनुपस्थिति की जानकारी देते हुए वैकल्पिक व्यवस्था बनानी चाहिए थी।