मेरठ। क्रांतिधरा साहित्य अकादमी एवं सीसीएसयू के हिंदी विभाग द्वारा आयोजित किए गए छठे मेरठ लिट्रेचर फेस्टिवल के तीसरे दिन गाजियाबाद से आए कवि प्रवीण कुमार के कविता संग्रह ‘नियंता नहीं हो तुम’ का विमोचन किया गया। विमोचन सत्र की अध्यक्षता सुप्रसिद्ध गीतकार डॉ. धनंजय सिंह ने की।
कविता संग्रह पर बोलते हुए प्रख्यात गीतकार डॉ. रमेश कुमार भदौरिया ने कहा, प्रवीण कुमार अपनी कविताओं में सिर्फ वायु, जल प्रदूषण की ही बात नहीं कर रहे हैं, अपितु वह आज के मनुष्य के मन में व्याप्त प्रदूषण को भी परत-दर-परत उजागर कर रहे हैं। कवि प्रवीण कुमार व्यवस्था से लेकर समाज में फैले हर तरह के प्रदूषण से आम जन को मुक्ति दिलाना चाहते हैं। इस अवसर पर प्रखर आलोचक डॉ. नीरज कुमार मिश्र ने कविता-संग्रह में संकलित कविताओं की गहराई से पड़ताल की। कहा, प्रवीण कुमार अपने आस-पास घटित हो रही घटनाओं पर सजग निगाह बनाए रखते हैं और अपनी रचनाओं में विसंगतियों पर करारा प्रहार करते हैं, यही वजह है कि उनकी कविताओं में कोरोना की विभीषिका से लेकर भूमंडलीकरण, पूँजीवाद और बाजार के प्रभाव से समाज में व्याप्त निराशा, हताशा और अकेलेपन की गूंज-अनगूंज को महसूस किया जा सकता है। कार्यक्रम का संचालन ब्रज राज किशोर ‘राहगीर’ ने किया। लिट्रेचर फेस्टिवल के आयोजक डॉ. विजय पंडित ने सभी का सम्मान करते हुए स्मृति चिह्न भेंट किए।
मेरठ लिट्रेचर फेस्टिवल का छठवाँ संस्करण
हिंदी विभाग के प्रो. लोहनी ने विश्वविद्यालय परिसर में निर्मित पंडित मदन मोहन मालवीय साहित्य कुटीर का भ्रमण कराया। उक्त कुटीर में हिंदी के महान साहित्यकारों की प्रतिमाएँ अवस्थित हैं। कुटीर की कल्पना साहित्य के मंदिर जैसी है। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय परिसर स्थित बृहस्पति भवन में संपन्न हुआ यह महोत्सव मेरठ लिट्रेचर फेस्टिवल का छठवाँ संस्करण था।