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नंदा गौरा योजना के फॉर्म नए प्रारुप से मांग रहा है बाल विकास विभाग

जनपद पौड़ी में नंदा गौरा योजना को लेकर आवेदनों में ऊहापोह की स्थिति है। विभाग आवेदकों से नए प्रारूप में आवेदन करने को कहा रहा है, जबकि कई लोग पुराने प्रारूप में आवेदन कर चुके हैं। विभाग पुराने आवेदनों को नकार रहा है। जबकि 11 नवंबर को महिला एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य पुराने प्रारूप को भी स्वीकार करने की बात कह चुकी हैं। इसके बावजूद अधिकारी नए प्रारूप में आवेदन का दबाव बना रहे हैं।

जिला पंचायत सदस्य गणेश नेगी राठी ने कहा कि नए प्रारूप में विभाग आवेदक बालिका, उसकी माता व पिता का बैंक स्टेटमेंट मांग रहे हैं। क्षेत्र में लोग रोजगार के लिए बाहर रहते हैं। इस कारण बैंक स्टेटमेंट नहीं मिल रहा है। आवेदन में पैतृक मकान के आंकलन को लेकर जेई की रिपोर्ट भी मांगी जा रही है। राठी ने कहा कि नए प्रारूप में अनेक प्रमाण मांगे जा रहे हैं। इससे आवेदक आसानी से योजना में आवेदन करने से वंचित हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि अनेक बालिकाएं पुराने प्रारूप पर आवेदन कर चुकी हैं, उन्हें दोबारा आवेदन करने के लिए विभागीय अधिकारी दबाव बना रहे हैं। जबकि 11 नवंबर को प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री पुराने प्रारूप को स्वीकार किए जाने की बात कही चुकी हैं। इसके बावजूद अधिकारी दोबारा आवेदन करने के लिए कह रहे हैं। राठी ने बताया कि आवेदन की अंतिम तिथि 30 नवंबर रखी गई है।

अपात्र के चयन से बचने के लिए विभाग ने छह नवंबर को नंदा गौरा योजना का नया प्रारूप जारी किया था। इनमें आवेदक की कृषि भूमि, वाहन, घर की स्थिति, बिजली के बिल की जानकारी ली जा रही है। जो आवेदन के नए प्रारूप की शर्तों को पूर्ण नहीं कर पा रहे हैं, इसका मतलब है कि वह पात्र नहीं हैं।
-जितेंद्र कुमार, डीपीओ बाल विकास विभाग पौड़ी

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