ब्राजील की दृढ़ता ने पैदा किया बड़ा अंतर और टीम को मिली जीत- रोमारियो
आपको पता है ब्राजील में सिर्फ स्ट्राइकर नहीं हैं। टीम के अन्य खिलाड़ी भी ऐसे हैं जो कि बड़ा अंतर पैदा कर सकते हैं। स्विट्जरलैंड के विरुद्ध केसमिरो ने कमान संभाली। पहले मैच में सर्बिया के विरुद्ध वह बदकिस्मत रह गए थे, जब उन्होंने शाट लगाया और गेंद गोलपोस्ट से टकराकर वापस चली आई पर दूसरे मैच में जब टीम को उनकी जरूरत थी तब उन्होंने कोई गलती नहीं की और निर्णायक गोल दागा। उनके गोल ने टीम को अंतिम-16 में पहुंचा दिया। यह कोई आसान मैच नहीं था
ब्राजील का मुकाबला उस टीम से था जिसने चार साल पहले उनसे ड्रा खेला था, यूरो कप से फ्रांस को बाहर कर दिया था और चार बार की चैंपियन इटली को कतर विश्व कप में क्वालीफाई करने से रोक दिया। स्विट्जरलैंड एक मजबूत टीम है। नेमार और डैनिलो के बिना इस टीम को हराना आसान नहीं था। यह कड़ी परीक्षा थी। स्विट्जरलैंड ब्राजील को गोल नहीं करने दे रहा था, लेकिन ब्राजील ने प्रयास नहीं छोड़ा। उन्होंने लगातार प्रयास किए जिसकी वजह से उन्हें यह सफलता मिली। टिटे की टीम के लिए यह एक बड़ा प्रदर्शन था। नेमार के बिना ब्राजील टीम का मतलब है टीम में धार की कमी। वही थे जो गेम को चलाते थे, निर्णायक पास देते थे, सेंटर फारवर्ड के लिए मौके बनाते थे। इसमें कोई दो राय नहीं कि टीम में उनकी कमी खली
टिटे ने उनकी जगह पैक्विटा को खेलाया, पर उनमें वह बात नहीं दिखी। हालांकि, फ्रेड ने अपने मैनचेस्टर युनाइटेड के साथी केसमिरो का पूरा साथ दिया। दोनों ही खिलाड़ी गेंद को छीनने में बढि़या हैं, इसकी वजह से वह मिडफील्ड में ही विपक्षी टीम का आक्रमण रोक लेते हैं। इस मैच में भी केसमिरो असाधारण दिखे, वहीं दोनों टीमों के बीच अंतर का कारण बने। स्विट्जरलैंड की टीम एक कड़ी प्रतिद्वंद्वी है। उनका डिफेंस काफी मजबूत है, और वह सही तरीके से विपक्षी खिलाडि़यों को मार्क करते हैं, उन्हें कोई मौका नहीं देते। बहुत समय तक उन्होंने ऐसा ही प्रदर्शन किया। ब्राजील ने तब भी आक्रामण जारी रखा जब वह बिल्कुल कोई मौका नहीं दे रहे थे।
ऐसा नहीं है कि बिल्कुल मौके नहीं मिले, पर ब्राजील ने कई मौके भी गंवाए। कई डिफेंडरों के साथ उन्होंने ब्राजील के अटैक को कई बार विफल कर दिया, उन्हें परेशान करके रख दिया, लेकिन जिस चीज ने मुझे सबसे अधिक प्रभावित किया वह थी ब्राजील की ²ढ़ता। वह गोल दागने के लिए बेचैन दिखे। नेमार नहीं, तो क्या हुआ। 4-3-3 के फार्मेशन के साथ उतरे ब्राजील ने अटैक जारी रखा। डिफेंस ने भी मैच में अहम भूमिका निभाई, उन्होंने स्विट्जरलैंड के अटैक को आसानी से निरस्त कर दिया। हम डिफेंडरों जैसे कि- थियागो सिल्वा, मािर्क्वनोस, एलेक्स सैंड्रो और मिल्टाओ की भूमिका की भी अनदेखी नहीं कर सकते। हर बार जब भी गेंद खतरे वाले क्षेत्र में पहुंची उन्होंने बहुत तेजी से प्रतिक्रिया देते हुए उसे इससे बाहर कर दिया।