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टमाटर और सोयाबीन की खेती को संजीवनी देने की होगी कोशिश,

हल्द्वानी। टमाटर और सोयाबीन की गायब होती खेती को संजीवनी देने के सरकारी स्तर पर प्रयास किए जाएंगे। मंडी परिसर में बुधवार को आयोजित कार्यशाला में किसानों की मांग पर कृषि और मौसमी कृषि वैज्ञानिक गौलापार, चोरगलिया आदि क्षेत्रों में कैंप लगाकर मिट्टी का अध्ययन करेंगे और खेतों से गायब हो चुके टमाटर और सोयाबीन की फसलों को आबाद कर किसानों के चेहरे पर फिर से मुस्कान लौटाने का प्रयास करेंगे।

मुख्य विकास अधिकारी डॉ. संदीप तिवारी के निर्देश पर कृषि अवसंरचना निधि के तहत मंडी परिसर में कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें खेड़ा, गौलापार, कुंवरपुर, चोरगलिया, पिनरो, लामाचौड़, काटोबाग के किसानों और व्यापारियों ने शिरकत की। कार्यशाला में मंडी, कृषि, उद्यान, पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय, कृषि विज्ञान केंद्र और बैंकिंग विशेषज्ञों ने किसानों को कृषि और विपणन में आने वाली समस्याओं के समाधान पर चर्चा की। किसानों के हित में चलाई जा रही सरकारी योजनाओं की जानकारी दी।

कृषि के क्षेत्र में रिकॉर्ड बनाने वाले और सरकार से पुरस्कृत किसान नरेंद्र सिंह मेहरा ने दावा किया कि मौसम और मिट्टी के सही तालमेल का वैज्ञानिक परीक्षण हुआ तो वह एक टमाटर के पेड़ से 40 से 50 किलो टमाटर का उत्पादन कर सकते हैं। कार्यशाला में मुख्य कृषि अधिकारी विकेश कुमार यादव, मंडी सचिव दिग्विजय सिंह देव, मंडी निरीक्षक भुवन गोस्वामी, आलू फल एसोसिएशन के अध्यक्ष कैलाश जोशी, भुवन जोशी, सज्जाद अली, पीतांबर जोशी, गणेश त्रिपाठी आदि मौजूद रहे

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