पर्यटन में चार चांद लगाएगा चाय बागान
चंपावत। महक और स्वाद के लिए देशभर में विख्यात चंपावत की जैविक चाय अब स्वाद का ही अहसास नहीं कराएगी बल्कि यहां के चाय बागान सैलानियों को भी लुभाएंगे। टी टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने चंपावत जिले के लिए विशेष पैकेज स्वीकृत किया है। इसके तहत 90 होम स्टे बनाए जाएंगे। इसके लिए डीपीआर (विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार की जा रही है। पर्यावरण संरक्षण के साथ यह परियोजना चाय बागान क्षेत्र में पर्यटकों को आर्कषित करेगी।
उत्तराखंड राज्य बनने के बाद चंपावत जिले में चाय के बागान तेजी से विकसित हुए हैं। इस वक्त 255 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में सालाना 45 हजार किलो चाय की खेती हो रही है। चाय के काम में 400 से अधिक लोगों को रोजगार मिल रहा है। यहां की लंबी पत्ती वाली जैविक चाय की यहां तो खूब मांग है ही, कोलकाता चाय बोर्ड के जरिये नीलामी भी होती है। चाय बोर्ड के चंपावत के प्रभारी डेसमंड बर्कबेक का कहना है कि चंपावत की चाय का यूएसए भी निर्यात किया गया। यूएसए के यंग माउंटेन टी संस्था पिछले तीन साल से यहां की चाय खरीद रही है।
अब ये चाय बागान पर्यटकों को लुभाएंगे। इसके लिए भारत सरकार ने 18 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। इससे चाय बागान वाले क्षेत्रों के आसपास 90 होम स्टे बनाए जाएंगे। चाय विकास बोर्ड, उद्यान विभाग और प्रशासन की मंत्रणा के बाद होम स्टे वाले स्थानों को अंतिम रूप दिया जाएगा। इन होम स्टे से चाय बागान देखने के लिए आने वाले पर्यटकों को ठहरने के लिए पर्यावरण अनुकूल विश्रामगृह मिल सकेगा। साथ ही स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के मौके भी बढ़ेंगे। संवाद
चाय बागान में बन रहा है ध्यान केंद्र
चंपावत। सैलानियों के आकर्षण को देखते हुए यहां चाय बागान पर्यावरण के संरक्षण, ब्यू प्वाइंट, योग और ध्यान का केंद्र बनाया जा रहा है। दो साल से बन रहे इस केंद्र में हरियाली के बीच ध्यान और योग करने की सुविधा भी होगी। इस केंद्र में एक साथ 50 लोग ध्यान और योग कर सकेंगे। टी टूरिज्म विस्तार के लिए 1.05 करोड़ रुपये से सिलिंगटाक चाय बागान के 21 हेक्टेयर में से चार हेक्टेयर में सैलानियों को जैविक टी कैफे और टी बुटीक के साथ चाय पिलाई जाएगी।
भारत सरकार ने चंपावत जिले में टी टूरिज्म को प्रोत्साहित करने की योजना को मंजूरी दी है। इसके लिए शासन से 18 करोड़ रुपये मंजूर हुए हैं। इसके तहत 90 होम स्टे बनाए जाएंगे। सीएनडीएस डीपीआर तैयार कर रहा है।
– नरेंद्र सिंह भंडारी, डीएम, चंपावत।
इन स्थानों पर हैं चाय के बागान
छीड़ापानी, सिलिंगटाक, च्यूराखर्क, मुड़ियानी, लमाई, चौकी, भगाना भंडारी, लधौन, मौराड़ी, नरसिंह डांडा, गड़कोट, चौड़ा, मझेड़ा, मंच, खूना, बलाई, डिंगडई, मल्ला बापरू, कठनौली आदि